बेटे की चाहत ने बना दिया किडनैपर, 72 घंटे में टूट गया ख्वाब, जानें किडनैंपिंग की पूरी दास्तां
आज की इस दुनिया में इंसान इतना मतलबी हो गया है कि अपनी खुशी के लिए दूसरे की दुनिया बर्बाद करने पर आमदा हो जाते हैं. ऐसा कि कुछ जयपुर में देखने को मिला. जहां खुद के बेटा नहीं हुआ तो दूसरे के बेटे का अपहरण कर लिया.
Jaipur: आज की इस दुनिया में इंसान इतना मतलबी हो गया है कि अपनी खुशी के लिए दूसरे की दुनिया बर्बाद करने पर आमदा हो जाते हैं. ऐसा कि कुछ जयपुर में देखने को मिला. जहां खुद के बेटा नहीं हुआ तो दूसरे के बेटे का अपहरण कर लिया. आरोपी सोचने लगा कि चार बेटियां हो गई लेकिन मेरे बेटा नहीं हुआ तो अब दूसरे के बेटे को पालूंगा, लेकिन जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया. सवाईमानसिंह अस्पताल से चार माह का बच्चे दिव्यांश का अपहरण करने वाले हेमेन्द्र उर्फ राजू निवासी नदबई को पुलिस ने करीब 72 घंटे बाद गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल दस्तयाब कर लिया हैं.
72 घंटे बाद फिर से दिव्यांश के घर में खुशियां लौट आई
72 घंटे बाद फिर से दिव्यांश के घर में खुशिया लौट आई हैं. चार माह के दिव्यांश को आज अपनी दादा-दादी का लाड प्यार-दुलार फिर मिल गया हैं. तीन दिन से पोते को देखने के लिए तरस रही आंखों में आज खुशी के आंसू टपक रहे हैं. 72 घंटे बाद अपने पोते को गोद में लिए दादा कालू और दादी धोलीदेवी भोलेनाथ के जयकारे लगा रहे हैं.
जयपुर पुलिस के लिए आशीर्वाद के हाथ उठा रहे
पोते दिव्यांश को उनकी गोद में लाकर देने वाली जयपुर पुलिस के लिए आशीर्वाद के हाथ उठा रहे हैं. साथ में जनता को धन्यवाद भी दे रहे हैं. जयपुर एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने प्रेसवार्ता कर बताया की एसएमएस अस्पताल से 4 महीने का बच्चा दिव्यांश का किडनैप करने वाले आरोपी हेमेन्द्र उर्फ राजू को पुलिस ने जयपुर के मानसरोवर से गिरफ्तार कर लिया है.
साथ में बच्चे को सकुशल दस्तयाब कर परिवार को सुपुर्द कर दिया हैं. अब तक की पूछताछ में सामने आया की आरोपी की उसके चार बेटियां हैं. बेटा नहीं होने से पुत्रमोह में आरोपी ने दिव्यांश का किडनैप किया था. आरोपी के घर पुलिस पहुंची तो उसकी मां और पत्नी की गोद में बच्चा खेलता मिला. पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर आरोपी का हुलिया जारी किया था जिसे सोशल मीडिया के माध्यम से सर्कुलेट किया.
आठ हजार से ज्यादा पंपलेट शहर में चस्पा किए
साथ में आठ हजार से ज्यादा पंपलेट शहर में चस्पा किए गए. इसके अलावा पुलिस की टीमों को मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश तक भेजा गया. लांबा ने बताया की महेश नगर थाने के कॉन्स्टेबल भीम सिंह को मुखबीर के जरिए सूचना मिली थी. पुलिस की ओर से जारी हुलिया को देख लोग पहचान गए थे. कुछ लोगों ने कांस्टेबल भीम सिंह को पूरी जानकारी देते हुए बताया की मानसरोवर इलाके की वीटी चौराहे पर यह हुलिये वाला व्यक्ति दिखता हैं. इसके बाद पुलिस की टीमों ने खंगालना शुरू कर दिया. लांबा ने बताया की आरोपी मानसरोवर इलाके में किराए से रहता है. दिहाड़ी मजदूरी के लिए रोज मानसरोवर वीटी रोड चौराहे पर जाता था. पिछले चार दिन से वह चौराहे पर नहीं आ रहा था. बच्चा चोरी करने के बाद वह किसी से मिल भी नहीं रहा था.
40 टीमों का गठन किया गया
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया की डीसीपी पूर्व राजीव पचार और डीसीपी साउथ योगेश गोयल के नेतृत्व में बच्चे की तलाश के लिए 40 टीमों का गठन किया. इसमें सीएसटी और जिलों की डीएसटी टीमों को भी सक्रिय किया. बच्चे को सकुशल दस्तयाब करने में सहायक पुलिस आयुक्त भोपाल सिंह, थानाधिकारी महेश नगर और कांस्टेबल भीमसिंह और देवराज को सफलता मिली. लांबा ने बताया की एसएमएस अस्पताल हॉस्पिटल से बच्चा चोरी के बाद सीसीटीवी में आरोपी की तस्वीर कैद होने के बाद हुलिया जारी किया.
परिवार में बच्चे की जरूरत थी
हुलिए के आधार पर पुलिस को आरोपी राजू के बारे में पता चला. पुलिस कांस्टेबल भीमसिंह को रात 12 बजे आरोपी राजू की जानकारी मिली उसके बाद उसको वेरिफाई किया और सुबह राजू के मोबाइल नंबर वीटी रोड चौराहे पर खड़े होने वाले उसके साथियों से लिया. आरोपी राजू से कॉन्टैक्ट करने पर खुद को गांव में होने की जानकारी दी. पुलिस ने लोकेशन निकलवाई तो वह जयपुर मिली. राजू के घर पुलिस ने शाम करीब 4 बजे दबिश दी. घर में दिव्यांश आरोपी राजू की मां-पत्नी की गोद में खेलता मिला. आरोपी राजू और बच्चे दिव्यांश को पुलिस थाने लेकर आई. जांच में सामने आया है कि आरोपी के परिवार में बच्चे की जरूरत थी. इसके चलते उसने अस्पताल से बच्चा दिव्यांश को चोरी किया.
दादा-दादी को विश्वास में ले लिया था
लांबा ने बताया की दौसा के सैंथल निवासी चांदराना निवासी अंकुर योगी का चार वर्षीय बेटा आयुष 25 जुलाई से बांगड़ में न्यूरो सर्जरी वार्ड में भर्ती है. अंकुर के साथ पत्नी कैला देवी, 4 माह का पुत्र दिव्यांश उर्फ लक्की, पिता कालूराम रावत और मां ढोली देवी भी अस्पताल में थे.
इस दौरान मदद के बहाने आरोपी राजू भी दादा कालूराम के साथ हो गया. इंदिरा रसोई से खाना लाकर देना, दवाई लाने सहित उनकी मदद करने लगा और इस दौरान आरोपी राजू ने दादा-दादी को विश्वास में ले लिया. दादा-दादी जब खाना खाने लगे तो बच्चे को आरोपी की गोद में दे दिया और इसी का फायदा उठाकर आरोपी राजू बच्चे को किडनैप कर ले गया. लांबा ने कहा की प्रदेश के सबसे बडे़ अस्पताल के यदि कैमरे ठीक होते या क्वालिटी अच्छी होती तो शायद बच्चे को पहले ही दस्तयाब कर लिया जाता.
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दिव्यांश को ढूंढने में प्रार्थना-दुआएं भी काम आई
बहरहाल, दिव्यांश को ढूंढने में पुलिस की तारीफ के साथ प्रार्थना-दुआएं भी काम आई. हुलिया जारी होने के साथ जनता ने पुलिस की ओर से जारी किए गए पोस्टर्स की फोटो लोग अपने व्हाटसएप, फेसबुक, ट्वीटर व अन्य माध्यमों से अधिक से अधिक वायरल किए. सोशल मीडिया यूजर्स ने आरोपी की जल्द से जल्द सूचना देने की अपील की. दिव्यांश और आरोपी की फोटो लोग अपने डीपी और व्हाटसएप स्टेटस पर लगाई और नतीजा सकारात्मक रहा. आज फिर से दिव्यांश अपने पारिवार के बीच आ गया हैं.