नवजात से मिलने जाते हुए और बेडरूम में ना पहनें ये चीज, होगा भारी नुकसान
हिंदू धर्म में भगवान शिव के साक्षात स्वरूप के रूप में रुद्राक्ष(Rudraksha) के महत्व के बारे में बताया गया है. मान्यता है कि रुद्राक्ष को पहनने से यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. लेकिन साथ ही रुद्राक्ष को इन जगहों पर पहनने की पाबंदी भी हैं वरना भारी नुकसान हो सकता है.
Rudraksha Niyam : क्या आपने भी रुद्राक्ष धारण किया है ? अगर हां तो आप जानतें होंगे की रुद्राक्ष को कितना पवित्र और चमत्कारी माना गया है. हिंदू धर्म में भगवान शिव के साक्षात स्वरूप के रूप में रुद्राक्ष के महत्व के बारे में बताया गया है. मान्यता है कि रुद्राक्ष को पहनने से यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. लेकिन साथ ही रुद्राक्ष को इन जगहों पर पहनने की पाबंदी भी हैं.
हिंदू शास्त्रों में रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ जगहों पर जाने की मनाही है. माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आसुंओं से बना हैं. अगर इसको गलत तरीके से पहना जाएं या फिर नियमों का पालन नहीं किया जाएं तो फिर इसके अंदर की ऊर्जा का लाभ नहीं मिल पाता है.
माना जाता है कि अगर आपने रुद्राक्ष पहना है तो फिर आपको किसी नवजात के जन्म पर नहीं जाना चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद का एक महीना सौवर माना जाता है. ऐसी जगह पर रुद्राक्ष की ऊर्जा खत्म हो जाती है.
ये ही नहीं रोजाना जब भी आप बेडरूम में जाएं तो पहले रुद्राक्ष को उतार दें, इस समय को शुद्ध नहीं माना जाता है साथ ही रुद्राक्ष के टूटने का भी डर होता है. , जो शुभ नहीं होगा.
शास्त्रों के अनुसार जहां भी अनैतिक कार्य हों वहां पर रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए. मास मदिरा का सेवन करते समय या फिर ऐसी जगह जहां मांस मदिरा परोसी जा रही हो वहां भी रुद्राक्ष पहन कर ना जाएं.
शिवरात्रि, प्रदोष , श्रावण, पूर्णिमा या फिर अमावस्या के दिन रुद्राक्ष पहनना शुभ माना जाता है. लेकिन इससे पहले विधि पूर्वक रुद्राक्ष को दूध से धो लें और फिर सरसों का तेल जरूर लगाएं. शिव महापुराण के अनुसार रुद्राक्ष को दूध और सरसों का तेल लगाने से बल मिलता है और बीमारियों का अंत होता है.