Forbidden In Worship : हर हिंदू परिवार के घर में एक स्थान पूजा घर का होता है. जहां देवताओं का आह्वान किया जाता है और रोज पूजा पाठ होता है. अपने पूजा घर को सजाने के लिए हम मार्केट में मौजूद कई चीजों को इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कभी कभी गलती से कुछ ऐसा मंदिर में रख देते हैं जो नहीं होना चाहिए. जो नुकसानदायक हो सकता है.


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क्या आपके कभी सोचा है कि आपकी इतनी पूजा अर्चना के बात भी भगवान आप की सुन क्यों नहीं रहे हैं. हो सकता है आपने भी मंदिर में कुछ ऐसा रखा हो. जो दरअसल कभी नहीं रखना चाहिए था.


पूजा अर्चना के साथ ही पूजा घर में भगवान को भोग लगाया जाता है. ऐसे में कभी भी लोहे के पात्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान भूलकर भी लोहे के बर्तन का इस्तेमाल नहीं होता. लोहे में जंग लगने के कारण इसको शुद्ध धातु नहीं कहा जाता है. इसलिए किसी भी पूजा पाठ में लोहे के पात्र का प्रयोग वर्जित होता है. 


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तांबे एक शुद्ध धातु है और इसे देवी देवताओं के लिए शुभ माना गया है. तांबे के बर्तन का ही इस्तेमाल पूजा पाठ में किया जाना चाहिए . वहीं कई घरों में आपने चांदी के बर्तन में भगवान को भोग लगता देखा होगा. इसे भी सही नहीं कहा जा सकता है.


दरअसल चांदी, चंद्रदेव का प्रतिनिधत्व करती है इसलिए चंद्र देव के पूजन के लिए चांदी के पात्र का इस्तेमाल ठीक है, लेकिन किसी अन्य पूजा में चांदी का इस्तेमाल वर्जित है. चांदी के पात्रों में पितरों का तर्पण होता है लेकिन इसे रोजमर्रा में पूजा घर में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.


इसके अलावा पूजा घर में शिवलिंग अंगूठे के आकार से बड़ा ना हो, कोई खड़िग मूर्ति ना हो, रात के वक्त सुबह चढ़ाने गए फूल हटा लिए जाएं. 


एक से ज्यादा शंख भी पूजा घर में नहीं होने चाहिए साथ ही भगवान की बहुत बड़ी मूर्ति भी नहीं लगानी चाहिए. ऐसा करना वैवाहिक जीवन में नकारात्मकता लाता है.


(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, जिसकी जी मीडिया पुष्टि नहीं करता है )