Do You Know why do astronaut get forgot to walk: अगर इंसान को एक ऐसी जगह में लंबे समय तक रहने के लिए भेज दिया जाए जहां गुरुत्वाकर्षण  ना के बराबर हो. जहां इंसान को केवल उड़कर ही सब काम करने पड़ेगे तो सोचिए धरती पर आने के बाद उसे कैसा अनुभव होगा. इस तरह का अनुभव अक्सर अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से अंतरिक्ष यात्रियों को होता है. क्योंकि वह कम से कम 1 से 6 माह तक अंतरिक्ष के स्पेस स्टेशन में बिना  गुरुत्व  के रहते है.  लेकिन अपने मिशन को कंपलीट करने के बाद जब वह धरती का रूख करते है तो उन्हें सेहत संबंधी काफी समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं. जिनकी वजह से उनका शरीर भी पृथ्वी पर लौटने पर उनका उस तरह से साथ नहीं देता जैसा  पहले से देता था .  उन्हें अपने दैनिक कामों को करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है इतना नहीं बिना गुरुत्वाकर्षण में कई महीनों तक स्पेस में रहने के कारण  उन्हें  चलने में बेहद परेशानी होती है.


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अंतरिक्ष में बहुत सारे दिन गुजारने के बाद जब अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटते हैं तो उन्हें चलने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है.  इस पर वैज्ञानिकों ने गहन अध्ययन किए हैं और अब भी कर रहे हैं. इन अध्ययनों में उन्होंने कुछ खास वजह पाई हैं जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लौटने पर चलने में खासी परेशानी होती है.


अंतरिक्ष का वातारण नहीं है अनूकूल 


दरअसल, मानव शरीर अंतरिक्ष के वातावरण को झेलने में अपनी पूरी तरह से सक्षम नहीं है. वहां  गुरुत्व की कमी के कारण उनकी सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए इस बारे में कम लोग यह जानते हैं कि  लंबे समय से अंतरिक्ष में रहने के कारण  एस्ट्रोनॉट के बॉडी पर सबसे ज्यादा प्रभाव उनकी हड्डियों और मांसपेशियों पर होता है. यही वजह है कि जब  वह अपनी अंतरिक्ष यात्रा को पूरा कर पृथ्वी पर लौटते हैं तो उन्हें स्ट्रैचर पर या किसी कुर्सी पर ही ले जाया जाता है. वे चलते हुए नहीं दिखते हैं.


 पृथ्वी की तुलना में 89 फीसद कम गुरुत्व
अंतरिक्ष में सूक्ष्म गुरुत्व का होता है. वहां पृथ्वी की तुलना में 89 फीसद कम गुरुत्व बल महसूस होता हैं. इसी वजह से वह हमेशा हवा में तैरते हुए ही देखे जाते है.  इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भी यह हाल होता है और यात्री हमेशा तैरते रहते हैं. गुरुत्व के अभाव में उनकी मांसपेशियों और हड्डियों का ज्यादा श्रम करने की जरूरत नहीं होती है.


एस्ट्रोनॉट की मांसपेशियों और हड्डियों में होती है परेशानियां
सेहत को लेकर हमेशा यही माना जाता है कि जब तक हम मेहनत नहीं करेंगे तब तक हमारा शरीर चुस्त नहीं रहेगा. अंतरिक्ष में कम गुरूत्व होने के कारण और शरीर से ज्यादा काम न लेने कारण एस्ट्रोनॉट की मांसपेशियों और हड्डियों में काफी परेशानियां होने लगती  है. उनके कूल्हे, पैर और रीढ़ की हड्डियां कमजोर हो जाती है, कैल्शियम की कमी उन्हें ज्यादा कमजोर कर देती है और पृथ्वी पर आने पर उनके चोटिल होने की संभावना भी बहुत ज्यादा हो जाती है. हड्डियों के अलावा पैर और बाकी शरीर की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं इससे भी धरती पर लौटने के बाद चलने में खासी परेशानी होती है.


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