Jaipur : हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दीपावली से पहले सेवानिवृत कर्मचारियों को बकाया परिलाभ देने के निर्देश दिए हैं, लेकिन रोडवेज प्रशासन इसमें कोई रूची नहीं दिखा रहा है. रोडवेज मुख्यालय ने प्रदेश के सभी आगार प्रबंधन को सूचना मांगी है, लेकिन डिपो मैनेजर की ओर से इस कार्य में लापरवाही बरती जा रही है. आगार प्रबंधन की ओर से अभी तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया परिलाभों की स्वीकृति भी नहीं निकाली गई और ना ही मुख्यालय को भेजी गई. जबकि मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया परिलाभों का जल्द भुगतान कराना चाहते हैं.


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राजस्थान रोडवेज के 5500 सेवानिवृत्त कर्मचारियों में से लगभग 1800 से ज्यादा रोडवेज कर्मियों की सेवानिवृत्ति परिलाभो की स्वीकृति डिपो के प्रबंधक, वित्त एवं संस्थापन के अधिकारियों द्वारा अभी तक जारी नहीं की गई है, जिससे सेवानिवृत कर्मचारियों भुगतान पर संशय बना हुआ है. जबकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी ओर से नोड्यूज इत्यादि के सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाए जा चुके हैं. जिस दिन मुख्यमंत्री द्वारा जल्द भुगतान किए जाने का निर्णय कर सूचित किया गया था. उसी दिन से सेवानिवृत्त कर्मचारी डिपो में चक्कर लगा रहे हैं कि उनकी स्वीकृति जारी की जाए, लेकिन अभी भी रोडवेज आगार प्रबंधक द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. राजस्थान परिवहन निगम मजदूर कांग्रेस (इंटक) के महामंत्री हनुमान सहाय भारद्वाज ने रोडवेज सीएमडी को पत्र लिखकर अपील की है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिलाभों बकाया भुगतान की स्वीकृतिया दीपावली से पहले जारी कराने की मांग की है.


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रोडवेज मुख्यालय की ओर से सभी डिपो प्रबंधक ओर से 21 अक्टूबर तक सूचना मांगी गई थी, लेकिन आगार प्रबंधकों के द्वारा अभी तक भी सूचना नहीं भेजी. रोडवेज के 40 प्रतिशत डिपो मुख्यालय ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक कोई सूचना नहीं भेजी. इसको आगार प्रबंधकों की लापरवाही कहे या मुख्यालय के आदेशों की जूं तक नहीं रेंग रही. अब देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री के आदेशों की पालना रोडवेज प्रशासन दीपावली से पहले भुगतान करने की कार्रवाई करता है या नहीं.