Jaipur: रीट की चीट के मामले में डीपी जारोली को क्लीन चिट मिल गई है. इस मामले की जांच कर रही एसओजी ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली को निर्दोष माना है. उधर बीजेपी ने एसओजी के दबाव में होने का दावा करते हुए कहा है कि राज्य की ऐजेन्सी से इसी तरह के काम की उम्मीद थी, लेकिन साथ ही विपक्षी पार्टी के नेताओं ने यह भी चेतावनी दे दी है कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराएंगे. 


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इसके साथ ही सांसद किरोड़ीलाल मीणा का कहना है कि जारोली के पास रीट में चीट के खेल के बड़े मगरमच्छों के नाम थे और इसीलिए जारोली पर एसओजी की पकड़ कमजोर पड़ी, लेकिन सवाल यह उठता है कि बीजेपी के नेताओं के दावों में कितना दम है. सवाल यह कि क्या वाकई जारोली को बड़े नामों को बचाने के लिए छोड़ा गया है और सवाल यह भी कि अगर जारोली निर्दोष हैं तो क्या उनकी बर्खास्तगी गलत थी ?


पिछले साल 25 सितंबर को हुई रीट भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद अब परीक्षा नए सिरे से होने जा रही है, लेकिन इसी बीच पिछली परीक्षा के पर्चा लीक मामले की जांच कर रही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानि एसओजी ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली को क्लीन चिट दे दी है. अब जारोली को क्लीन चिट दिए जाने के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद और रीट के मुद्दे पर मोर्चा संभालने वाले डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और बीजेपी एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं. किरोड़ा का दावा है कि रीट पेपर लीक मामले में बड़े लोगों को बचाने के लिए जारोली को क्लीन चिट दी है. किरोड़ी की मानें तो जारोली के फंसने पर बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष और परीक्षा आयोजन का मुख्य जिम्मा संभालने वाले जारोली दूसरे राजनेताओं के नाम भी उजागर करते हैं.


इधर जारोली को क्लीन चिट मिलने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर दावा किया है कि वह अपने पास मौजूद सबूद और दस्तावेज पहले एसओजी को दे चुके थे और अब केंद्र की ऐजेन्सी को भी वे सबूत सौंप दिए हैं. किरोड़ी ने दावा किया कि इस मामले में ब्यूरोक्रेट्स के साथ ही चार-पांच विधायकों और मन्त्रियों की भी मिलीभगत की आशंका है. हालांकि किरोड़ी उनके नामों पर बात करने से फिलहाल बच रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि जांच ऐजेन्सी के सामने वह अपनी हर बात को तथ्यों और तर्कों के साथ रखेंगे.


इधर जारोली को क्लीन चिट दिए जाने के बाद डॉक्टर किरोड़ी ने एसओजी पर भी बड़ा आरोप लगाया है. किरोड़ी का कहना है कि एसओजी के अधिकारियों की भी पर्चा लीक मामले में भूमिका रही है. वह यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने कहा कि एसओजी ने कई लोगों से पैसों की उगाही भी की है.


उधर बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी यह कह रहे हैं कि जारोली ने अपने पहले बयान में पेपर लीक मामले में राजनीतिक संरक्षण का जिक्र किया था. पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार में राजस्थान में कई परीक्षाओं के पर्चे लीक हुए हैं और इस पर कोर्ट भी समय-समय पर टिप्पणी कर चुकी हैं. पूनिया ने कहा कि मौजूदा सरकार के समय में राजस्थान में दूसरे माफियाओं के साथ नकल माफिया भी पनपा है और बीजेपी सरकार में आई तो वे रीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराएंगे. जारोली को क्लीन चिट पर सतीश पूनिया कहते हैं कि सरकार दातार भी खुद है और मुख्तार भी खुद है. जज भी खुद और मुजरिम भी खुद है, लिहाजा क्लीन चिट मिलनी ही थी.