Kota Suicide: कोटा के कोचिंग सेंटर में फिर से एक और आत्महत्या, JEE Advanced के छात्र ने उठाया खौफनाक कदम
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Kota Suicide: कोटा के कोचिंग सेंटर में फिर से एक और आत्महत्या, JEE Advanced के छात्र ने उठाया खौफनाक कदम

Kota Student Suicidet: नए साल की शुरुआत के साथ ही कोटा में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामले फिर से सामने आने लगे हैं. पिछले 24 घंटों में, दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली है, जिससे शहर में चिंता और दुख का माहौल बन गया है.

Kota Suicide: कोटा के कोचिंग सेंटर में फिर से एक और आत्महत्या, JEE Advanced के छात्र ने उठाया खौफनाक कदम

Kota Coaching Student Suicidet: राजस्थान के कोटा में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले 24 घंटों में, कोटा के विज्ञान नगर इलाके के अम्बेडकर नगर में एक कोचिंग छात्र ने आत्महत्या कर ली. मृतक छात्र की पहचान मध्य प्रदेश के गुना निवासी अभिषेक के रूप में हुई है, जो कोटा में रहकर जेईई एडवांस की तैयारी कर रहा था.

 

  

कोटा में एक छात्र अभिषेक लोधा ने आत्महत्या कर ली. एडिशनल एसपी दिलीप सैनी के अनुसार, परिवार के सदस्यों ने अभिषेक को फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया, जिससे परिजनों को अनहोनी का अंदेशा हुआ. इसके बाद उन्होंने पीजी संचालक को सूचना दी, जिन्होंने देखा कि अभिषेक ने अपने कमरे में फांसी का फंदा लगा लिया था. पुलिस को सूचना देने पर वे मौके पर पहुंची और शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया.

 

कोटा में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. इससे पहले, गुरुवार रात को हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी छात्र नीरज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. नीरज का शव राजीव गांधी नगर इलाके में उसके कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला था. वह पिछले 2 साल से कोटा में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था.

 

 

कोटा में कोचिंग छात्रों की संख्या में गिरावट आई है, जो पहले 1.5 लाख से अधिक थी, लेकिन अब यह घटकर 85,000 से एक लाख तक रह गई है. इसका एक कारण लगातार बढ़ते आत्महत्या के मामले हैं. वर्ष 2023 में 26 कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या 17 रही.

 


कोटा जिलाधिकारी रवींद्र गोस्वामी के अनुसार, कोटा में कोचिंग छात्रों की संख्या आमतौर पर दो-ढाई लाख होती थी, लेकिन अब यह संख्या घटकर 85,000 से एक लाख तक रह गई है. इससे कोटा के वार्षिक राजस्व में भी कमी आई है, जो 2023 में 6,500-7,000 करोड़ रुपये से घटकर 3,500 करोड़ रुपये रह गया है.

 

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