Jaipur News: सामाजिक न्याय विभाग में डीपीसी का विवाद गरमाया गया है. पूरा मसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंच गया है. विभाग के अफसरों ने सीएम गहलोत को खत लिखकर डीपीसी की गुहार लगाई है, क्योंकि सामाजिक न्याय विभाग अफसरों की डीपीसी में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा. गौर करने वाली बात ये है कि डीपीसी की अंतिम तारीख 30 नंवबर है. यानि सिर्फ एक दिन बचा है. ऐसे में अभी तक अफसरों की डीपीसी नहीं हो पाई, जिससे खफा अफसरों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पत्र लिखकर डीपीसी करने की गुहार लगाई है.


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इन पदों पर होनी है डीपीसी 
अतिरिक्त निदेशक के पद पर 4, संयुक्त निदेशक 12, उपनिदेशक के 29 पदों डीपीसी होनी है, लेकिन अब तक विभाग की लापरवाही के कारण 2012 का बैंच प्रमोशन से वंचित है. इससे पहले सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, सचिव समित शर्मा पत्र लिख चुके है, लेकिन अब तक डीपीसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.


सीएम के खत में अफसरों की पीड़ा 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे गए खत में अफसरों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की. अधिकारियों ने सीएम को कहा कि हमारे द्धारा न केवल सामाजिक न्याय विभाग बल्कि उसके अधीन कार्यरत निदेशालय जिसमें विशेष योग्यजन निदेशालय, बाल अधिकारिता विभाग, अधीनस्थ विभिन्न निगम, बोर्डों, आयोग की राज्य से लेकर जिला स्तर तक की समस्त योजनाओं का कार्य किया जा रहा है. 


विभागीय पदो के पुर्नगठन आदेश 21 अक्टूबर को जारी हुए एक महीने से अधिक हो गया. अभी तक डीपीसी को लेकर विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया. अब ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग 1 दिन में अफसरों की पदोन्नति कैसे करेगा. इतने दिन तक आखिर सामाजिक न्याय विभाग कर क्या रहा था. विभाग में प्रमोशन नहीं होने से अधिकारी हताश है क्योंकि सुनवाई नहीं हो रही है.