जयपुर: संकट के बीच बिजली की डिमांड में लगातार बढ़ोतरी रही है,जिस कारण ऊर्जा विभाग को महंगी दरों पर बिजली खरीदन पड़ रही है.एनर्जी एक्सचेंज से 10 रूपए प्रति यूनिट तक बिजली खरीदी जा रही है.कोयले की आपूर्ति के लिए कोल इंडिया को एडवांस पेंमेंट किया जा रहा है.प्रदेश में पूरा अगस्त मानसून फीका रहा,जिस कारण लगातर बिजली संकट बढ़ता जा रहा है.अब 17 हजार मेगावाट तक बिजली की डिमांड बढ गई है.बिजली के उत्पादन में कमी के कारण ​लगातार मांग बढ रही है.


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बिजली की औसत ​मांग बढ़ी


बिजली की औसत मांग 3311 लाख यूनिट प्रतिदिन रही,जो की पिछले वर्ष इसी माह की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक है.विद्युत की अधिकतम मांग 3607 लाख यूनिट/17548 मेगावाट रही है जो कि अभी तक की सर्वाधिक है.



गांवों और उद्योगों में काटी जा रही बिजली


प्रदेश की विद्युत वितरण निगमो द्वारा किसी भी एक माह में अभी तक की अधिकतम विद्युत की आपूर्ति माह अगस्त के दौरान की गई है.अधिकतम मांग की आपूर्ति के बावजूद भी माह अगस्त के दौरान पूरी मांग की पूर्ति नहीं की जा सकी है. गांवों में 1 से डेढ़ घंटे तक बिजली की कटौती की जा रही है,इसके अलावा उद्योगों में भी लगातार बिजली काटी जा रही है.


अब शहरों में भी बिजली कटौती


मानसून की कमी के कारण राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी अगस्त माह में विद्युत की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि रही है.31 अगस्त को देश में अधिकतम मांग 239000 मेगावाट दर्ज की गई है,जो की एक रिकॉर्ड है. विद्युत की मांग की तुलना के सापेक्ष उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर कमी हो गई है.ऐसे में आने वाले दिनों गांवों और उघोगों के बाद शहरो में भी बिजली कटौती की जा सकती है.


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