Jaisalmer: राज्य में डिसकवर्ड स्मॉल फिल्ड पॉलिसी के तहत जैसलमेर और बीकानेर के 67 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पेट्रोेल माइनिंग लीज के लिए ऑयल इण्डिया ने रुचि दिखाई है. राज्य सरकार भी ऑयल इंडिया के आवेदन पर शीघ्र कार्यवाही करेगी. ऑयल इण्डिया द्वारा राज्य में इस समय तनोट डांडेवाला और बागेवाला में भारी तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा हैं. राज्य में पांच स्थानों पर पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस के तहत खोज कार्य किया जा रहा है.


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एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल शुक्रवार को सचिवालय में ऑयल इण्डिया के सीएमडी डॉ. रणजीत रथ से चर्चा की. सीएमडी ऑयल इण्डिया ने एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल को पारंपरिक तरीके से असम का गमछा भेंट कर स्वागत किया. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में एक लाख 50 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में 4 पेट्रोलिफेरस बेसिन है.


इनमें पीएमएल के तहत ऑयल इण्डिया, ओएनजीसी को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के 11 लीज जारी है और इनके द्वारा उत्पादन किया जा रहा हैं वहीं एक्सप्लोरशन लाइसेंस के तहत वेदान्ता, ओएनजीसी और ऑयल इण्डिया द्वारा अन्वेषण कार्य किया जा रहा है. डॉ. अग्रवाल ने सीएमडी ऑयल इण्डिया से प्रदेश में अक्षय उर्जा क्षेत्र में भी नए कार्य आरंभ करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि राज्य मेें सोलर और विण्ड एनर्जी के क्षेत्र में विपुल संभावनाएं है. उन्होंने ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में भी आगे आने का आग्रह किया.


ऑयल इण्डिया के सीएमडी डॉ. रणजीत रथ ने बताया कि आयॅल इण्डिया द्वारा तनोट डांडेवाला क्षेत्र में प्रतिदिन .49 मिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा हैं वहीं बाघेवाला में 338 बैरल प्रतिदिन भारी तेल का उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीकानेर, जैसलमेर और गंगानगर क्षेत्र में तेल व गैस की खोज का कार्य जारी है. सीएमडी ऑयल इण्डिया डॉ. रथ ने बताया कि प्रदेष में ऑयल इण्डिया द्वारा 2025 तक 663 करोड़ रुपए खनन और अन्वेषण पर निवेश का कार्यक्रम है जिसमेें से 130 करोड रुपए. का निवेश किाया जा चुका है.


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