Jaipur News: अक्टूबर माह के 20 दिन आरएसबीसीएल (RSBCL)और आरएसजीएसएम (RSGSM) के अधिकारियों के लिए सॉफ्टवेयर लागू करने में परेशानी भरे साबित हुए हैं. वहीं आबकारी विभाग ने इस अवधि में  मदिरा का उठाव बढ़ाने पर जोर दिया है. इससे आबकारी विभाग को राजस्व में भी फायदा मिलेगा.


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2 अक्टूबर से इंटिग्रेटेड एक्साइज मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 लागू होने के बाद से ही तकनीकी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. आबकारी विभाग में यह सॉफ्टवेयर आरएसबीसीएल ने तैयार करवाया है. यह सॉफ्टवेयर डीओआईटी ने राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड के माध्यम से तैयार कराया है. 



इस सॉफ्टवेयर में शुरुआत से ही बड़ी मात्रा में तकनीकी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं.  इसके बावजूद आबकारी विभाग ने मदिरा उठाव बढ़ाने में सफलता हासिल की है.



दरअसल आबकारी आयुक्त शिवप्रसाद नकाते ने विभाग के जिला परिवहन अधिकारियों, आबकारी निरीक्षकों और लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी थी. आरएसबीसीएल और जीएसएम के डिपो में पुराने स्टॉक को उठाने और कम्पनियों से नया माल मंगवाने के लिए ड्यूटी लगाई गई. इस तरह अधिकारियों-कर्मचारियों के फील्ड में उतरने से लाइसेंसियों को मदिरा मिलने में आ रही समस्या का हल निकल सका.



कितना बढ़ा मदिरा उठाव ?



- सॉफ्टवेयर में खराबी के बावजूद आबकारी ने बढ़वाया मदिरा उठाव



- RSBCL के डिपो से आबकारी विभाग ने बढ़वाया IMFL मदिरा उठाव



- सितंबर में 1 से 19 तारीख तक 484 करोड़ की मदिरा का हुआ उठाव



- वहीं इस महीने 1 से 19 अक्टूबर तक 651 करोड़ की मदिरा का उठाव हुआ


- इस तरह पिछले महीने की तुलना में 34.57 फीसदी ज्यादा हुआ मदिरा उठाव


जीएसएसम के डिपो से बढ़ा देशी मदिरा का उठाव


- सितंबर में 1 से 19 सितंबर तक 130 करोड़ की मदिरा का हुआ था उठाव


- वहीं इस महीने 1 से 19 अक्टूबर तक 194 करोड़ की मदिरा का उठाव


- वर्ष 2023 में 1 से 19 अक्टूबर तक 119.30 करोड़ की मदिरा का हुआ उठाव



- यानी सितंबर की तुलना में करीब 49.23 फीसदी हुआ अधिक उठाव



आईईएमएस 2.0 सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकी हैं. मदिरा उठाव करने वाले लाइसेंसियों के खाते में राशि नहीं दिखने, एक लाइसेंसी की राशि दूसरे के खाते में दिखने, मौजूदा लाइसेंसी के बजाय दुकान पर पुराने लाइसेंसी के नाम दिखने, चालान जमा नहीं होने जैसी शिकायतें मिल रही हैं. हालांकि विभागीय अधिकारी इन सभी समस्याओं के समाधान में जुटे हुए हैं.



हालांकि आबकारी विभाग इस बारे में प्रयासरत हैं कि यदि सॉफ्टवेयर की तकनीकी खामियां दूर हों तो जल्द ही मदिरा ठेकेदारों को राहत मिल सकेगी. ऑनलाइन मदिरा उठाव बढ़ाने के लिए भी विभागीय टीमें प्रयास तेज कर सकेंगी.