Roadways fake buses in Jaipur जयपुर के विद्याधर नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में रोचक मामला सामने आया है. यहां परिवहन निरीक्षकों द्वारा चुनाव के लिए एक बस अधिग्रहीत की गई. जब बस मालिक ने बस देने में आनाकानी की तो जांच की गई. जांच में अलग ही मामला निकला, पता चला कि पूरी बस ही फर्जी है. क्या है पूरा मामला, जानें 


जयपुर में फर्जी बस का मामला


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विभाग के अफसरों के सामने एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जयपुर आरटीओ द्वितीय की टीम ने एक ऐसे बस मालिक के खिलाफ विद्याधर नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें यह पाया गया कि बस का चैसिस ही फर्जी है.


परिवहन विभाग में चौंकाने वाला मामला


दरअसल जयपुर आरटीओ द्वितीय धर्मेन्द्र चौधरी ने नागालैंड में पंजीकृत एक बस को चुनावी ड्यूटी के लिए अधिग्रहीत किया था। बस का पंजीकरण संख्या NL07-B-0641 है. इस बस को चुनावी ड्यूटी के लिए 21 नवंबर की शाम तक भवानी निकेतन कॉलेज में उपस्थित होने के लिए ताकीद किया गया था. बस लेट हो गई और बूंदी जिले में चुनाव के लिए ड्यूटी पर जाने से इनकार कर दिया.


चुनाव ड्यूटी में नहीं गई तो कराई गई जांच


चालक ने कहा कि बस बूंदी जाने के लिए यांत्रिक रूप से फिट नहीं है, इसलिए वह बस के साथ ड्यूटी पर नहीं जा सकता, बस चालक के मना करने पर आरटीओ जयपुर द्वितीय ने सत्यापन के लिए निरीक्षण करने के निर्देश दिए कि बस यांत्रिक रूप से फिट है या नहीं. मोटर वाहन निरीक्षक राजेश चौधरी ने जांच की तो रिपोर्ट से पता चला कि बस वास्तव में यांत्रिक रूप से फिट नहीं है, लेकिन साथ ही बस से जुड़ी कई गड़बड़ियों की परतें भी खुल गई.


 चेसिस पर लिखा, टाटा कंपनी की बस


परिवहन विभाग की टीमें पहले भी जयपुर से दिल्ली रूट पर अन्य राज्यों में पंजीकृत एवं प्रदेश में चल रही बसों के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई करती रही हैं. परिवहन आयुक्त के निर्देशानुसार जांच अभियान चलाए गए हैं. पिछले 6 माह में लगातार कड़ी कार्यवाही करते हुए टैक्स चोरी करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर टैक्स वसूली की जा रही है.


टाटा ने कहा, हमने बनाई ही नहीं यह बस


अवैध परिवर्तन कर संचालित बसों और फर्जी कागजात जैसे चैसिस नंबर के साथ अन्य राज्यों में पंजीकृत बसों के खिलाफ इस तरह की 9वीं एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस पूरे मामले में जयपुर आरटीओ द्वितीय धर्मेन्द्र चौधरी और उनके अधीन स्टाफ की भूमिका महत्वपूर्ण रही है.


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इस प्रकार सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन उड़नदस्तों द्वारा सख्त प्रवर्तन कार्यवाही कर संदेश दिया जा रहा है. उम्मीद की जानी चाहिए कि जयपुर आरटीओ द्वितीय द्वारा की गई कार्यवाही के प्रारूप को राजस्थान के सभी परिवहन कार्यालय अपनाएं, जिससे टैक्स चोरी रोकने के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के प्रयास किए जा सकेंगे.