Jaipur: जेएलएन मार्ग स्थित इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में रविवार सुबह अचानक आग लग गई. तीन मंजिला इमारत की आखिर मंजिल पर लगी आग में केवल महानिदेशक रविशंकर श्रीवास्तव का दफ्तर आग की भेट चढ़ गया.  दफ्तर में आग इतनी भयानक लगी थी  कि उसमें  कुछ भी नहीं बचा. दो दमकल की मदद से आग पर डेढ़ घंटे में काबू पाया गया. 


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सुबह करीब 9 बजे आग की सूचना पर दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया, लेकिन दमकल के आने से पहले सभी दस्तावेज जलकर खाक हो चुके थे. सभी फाइले जल चुकी थी. शुरूआती जांच में बताया जा रहा है कि, आग शॉट सर्किट से लगी थी. इस मामले को लेकर महानिदेशक रविशंकर कटारा ने बताया कि, मुझे शक है कि किसी ने मेरे दफ्तर में आग जानबूझकर लगाई है. मैं इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करवाऊंगा.


 इसमें किसी तरह की महत्वपूर्ण फाइल नहीं थी. मैं अपने चैंबर में फाइल रखता ही नहीं हूं .छुट्टी के दिन बिजली के उपकरण किसी ने ऑन कर दिए. आग लगने के कारणों की जांच होनी चाहिए कि आखिर आग कैसे लग गई. हालांकि रविशंकर कटारा खुद मौके पर नहीं पहुंचे लेकिन,उनका पूरा स्टॉफ उनके दफ्तर में आग को लेकर चिंतित रहा और मौके पर पहुंच गया. इस मामले पर श्रीवास्तव का कहना था कि मैं जयपुर से बाहर हूं,इसलिए दफ्तर नहीं आ पाया.जल्द ही दफ्तर पहुंच जाऊंगा.


विवादों में रहे,मंत्री से भी अनबन रही


बता दें कि, महानिदेशक ​रविशंकर श्रीवास्तव की मंत्री रमेश मीणा से अनबन चल रही है .विभाग में अनियमितताओं को लेकर मंत्री ने कई बार रविशंकर श्रीवास्तव से नाराजगी जताई थी. दो महीने पहले रविशंकर श्रीवास्तव के तबादले पर भी रोक लगाई थी.  यह पहला मामला होगा जब आईएएएस के तबादलों पर रोक लगाई गई हो.


गौरतलब है कि, रविशंकर दो महीने बाद 30 सिंतबर को रिटायर हो रहे है. रविशंकर के खिलाफ एसीबी में भी मामला चल रहा है. ऐसे में अब इस आग के बाद सवाल उठ रहे है कि इस दफ्तर में आग लगी या लगाई है. अगर लगाई तो किसने लगाई. क्या दफ्तावेजों को जलाने की साजिश थी. क्या इस आग की जांच विभाग करेगा?


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