Jaipur: जयपुर के मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास रावण मंडी कच्ची बस्ती में लगी आग से लोगों का आशियाना जलकर खाक हो गया. अब आसमान ही उनकी छत है. धरती ही उनका घर. अपने जले हुए घर को देखकर पीड़ित के आंसू नही थम रहे हैं. कपडों से लेकर पैसे जलकर खाक हो गए हैं. पीडित परिवार के लोग जयपुर कलक्टर राजन विशाल के पास सहायता के लिए पहुंचे. उन्होने कलक्टर से उचित मुआवजा दिलवाने और उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की. कलक्टर राजन विशाल का कहना हैं की घटना स्थल पर कानून व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात कर दी हैं.


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अग्ननिकांड में हुए नुकसान की रिपोर्ट जयपुर और सांगानेर उपखंड अधिकारी से दो दिन में मंगवाई गई हैं. सरकार से सहायता के लिए अलग से प्रस्ताव बनाकर भिजवाया जाएगा. प्राकृतिक आगजनी की घटना में तो मुआवजे का प्रावधान है. आग कैसे लगी इसका कोई खुलासा नहीं हो पाया है, पुलिस जांच कर रही हैं. फिलहाल प्रभावितो को रहने के लिए अस्थाई रैन बसेरे बनाने के लिए नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं. 


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साथ में प्रभावितों को खाने के फूड पैकेट पहुंचाने की जिम्मेदारी रसद विभाग को सौंपी गई हैं. पीडितों का कहना हैं सपने पल भर में जलकर खाक हो गए. तिनका-तिनका कर बनाई गई झोंपड़ी के साथ ही जो थोड़ा बहुत सामान था. वह भी आग की भेंट चढ़ गया. सामान जलने के बाद पीड़ित परिवारों में घोर निराशा है और भविष्य की चिंता उन्हें सताने लगी है. सिर पर छत न रहने से खुले आसमान के तले बैठे बच्चों के माता-पिता को उनके भविष्य की चिंता सता रही है. पेट की आग ने उनकी तकलीफ को और बढ़ा दिया है.


हालांकि इस दुख की घड़ी में प्रशासन और कुछ समाजसेवी लोगों ने उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं. पीडितों ने बताया की आगजनी की घटना के दौरान सभी लोग सड़क पर काम कर रहे थे. तभी अचानक पीछे से तेज हवा के झोंके के साथ लगी आग में झोपड़ियां जलकर राख में तब्दिल हो गई. गौरतलब हैं कि करीब दस साल पहले इन झोंपड़ियां में आग लगी थी. इसमें लोगों की झोपड़ियां और सामान जल कर खाक हो गया था.  झोपड़ियां में रहने वाले जगदीश महाराज ने आरोप है की इस जगह को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है. पिछले लंबे समय से जगह खाली करने को धमकी मिल रही थी. इसके चलते किसी व्यक्ति ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है.