`लपट` में दिखी देशभक्ति की आग, महिला स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान पर डाला प्रकाश
जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में `लपट` नाटक का मंचन किया गया. मुदिता चौधरी के निर्देशन में वंचित वर्ग से आने वाले बच्चों ने पेशेवर रंगकर्मियों की तरह अपने अभिनय से समां बांधा.
Jaipur: जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में 'लपट' नाटक का मंचन किया गया. मुदिता चौधरी के निर्देशन में वंचित वर्ग से आने वाले बच्चों ने पेशेवर रंगकर्मियों की तरह अपने अभिनय से समां बांधा.
लपट सुप्रिया केलकर के उपन्यास स्ट्रांग ऐज़ फायर,फियर्स ऐज़ फ्लेम पर आधारित है. इसमें ऐसी महिला स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य की दास्तां को सहेजा गया है, जिनके नाम समय के साथ ओझल हो गए हैं. मीरा, भवानी और चरण जैसे किरदारों ने नाटक में जान डाल दी. मीरा सन् 1857 के समय के रूढ़िवादी परिवार से आती है. सती होने से बचकर निकली मीरा व्यक्तिगत आजादी को देश की आजादी से जुड़ा मानती है.
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वह समाज की कुप्रथाओं के साथ अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाती है. इस विद्रोही अभियान में मीरा की सहेली भवानी पूरा साथ देती है. प्रतिरोधात्मक स्वभाव वाली भवानी एक शहीद स्वतंत्रता सेनानी की बेटी होती है. वह अंग्रेजों से अपने पिता की मौत का बदला लेना चाहती है. दोनों अन्य साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजी हथियारखाने को बम से उड़ा देती है. इसमें चरण नामक महिला भी उनका साथ देती हैं. लंबे समय तक पुरुष बनकर ब्रिटिश आर्मी में रही चरण अंग्रेजों को धूल चटाने के लिए सही समय का इंतजार करती रहती हैं.
REPORTER:- ANOOP SHARMA