Jaipur: राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SMS के बांगड़ परिसर से बुधवार शाम को करीब 6:00 बजे 4 महीने के दिव्यांश नाम के बच्चे के अपहरण का मामला सामने आया है. दरअसल बच्चे के दादा और दादी 4 साल के बड़े पोते का इलाज कराने के लिए SMS अस्पताल आए हुए थे. आरोपी युवक ने 2 दिन तक बच्चा अपहरण करने के लिए रैकी की और बच्चे के दादा-दादी को विश्वास दिलाया. एसएमएस अस्पताल में भर्ती बड़े पोते के इलाज में वह उनकी मदद करेगा. इस तरह उसने उनका विश्वास जीत लिया. 


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बुधवार की शाम जब दादा-दादी पोते को लेकर उसी युवक के साथ बांगड़ के पार्क में बैठे थे, इसी दौरान दादी आरोपी युवक को चार माह के मासूम दिव्यांश को संभाल कर बड़े पोते के लिए खाना लेकर SMS अस्पताल के वार्ड में चली गई. थोड़ी देर बाद जब दादी बाहर आई तो वह आरोपी पोते को लेकर चला गया. जिसके बाद हड़कंप मच गया. एसएमएस अस्पताल में लगे हुए 90 सीसीटीवी कैमरे बिल्डिंग के बाहरी क्षेत्रों और गेटों को कवर नहीं करते. 


इसी बात का फायदा आरोपी युवक ने उठाया है. पूरे प्रकरण में सिर्फ एक जगह आरोपी की फुटेज अब तक पुलिस को मिली है. एसएमएस अस्पताल से बच्चे का हुआ अपहरण, लापहरवाही ऐसी कि एसएमएस की 210 में से करीब 140 तीसरी आंख खराब ! प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंग चिकित्सालय में इन-दिनों सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है. अस्पताल परिसर में ओपीडी ओर आईपीडी के रोजाना 20 हज़ार से अधिक लोगो का आवागमन है. लेकिन यहां आमजन की सुरक्षा के लिए लगे सीसीटीवी कमरे धूल फांक रहे है.


 एसएमएस से जुड़े अधिकारियों के मुताबित परिसर में करीब 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है. लेकिन दुर्भाग्य पूर्ण इनमे से 140 यानी 70 फीसदी से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे धूल फांक रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि यदि अस्पताल परिसर में मरीज या आने वाले परिजनों के साथ कोई घटना होती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा.


 जनवरी माह से अभी तक 500 से ज्यादा मामले दर्ज हुए है. जिसमे चोरी , मोबाइल, पर्स गुमशुदगी के मामले सामने आये हैं. वहीं बीते दिनों एसएमएस में 2 नाबालिकों से छेड़छाड़ का मामले भी सामने आये थे, लेकिन अस्पताल परिसर में कैमरे ख़राब होने के कारण पुलिस को अपराधियों को चिन्हित करने में काफी कश्मकश करना पड़ा था. लेकिन अभी तक एसएमएस में जुड़े अधिकारियो ने इस संज्ञान में कैमरे सही नहीं कराने की और ध्यान नहीं दिया है.अस्पताल में 70 के करीब कैमरे है जिनकी जिम्मेदारी भी अभय कमांडो को एसएमएस अस्पताल के प्रशासन ने सौंप रखी है.


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