राजस्थान मंत्रिमंडल का विस्तार कल, गहलोत-पायलट कैंप के लॉयल नेताओं को मिलेगी जगह
अजय माकन ने कहा कि तीनों मंत्रियों ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के समक्ष इस्तीफ़े की पेशकश की है और तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की इच्छा ज़ाहिर की है.
Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Cabinet reorganization) की कवायद शुरू हो गई है. प्रदेश के तीन वरिष्ठ मंत्रियों के इस्तीफ़े की पेशकश के साथ ही पुनर्गठन का काउंटडाउन शुरू हो गया है. अब इंतज़ार केवल पुनर्गठन की तारीख़ का है.
शुक्रवार रात जयपुर आए प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) ने मंत्री हरीश चौधरी (Harish Chaudhary), रघु शर्मा (Raghu Sharma) और गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के इस्तीफ़े की जानकारी मीडिया को दी.
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अजय माकन ने कहा कि तीनों मंत्रियों ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के समक्ष इस्तीफ़े की पेशकश की है और तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की इच्छा ज़ाहिर की है. शुक्रवार रात मुख्यमंत्री आवास पर गहलोत माकन के बीच मंत्रिमंडल पुनर्गठन के आकार, चेहरे और तारीख़ को लेकर लम्बा मंथन हुआ. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज शाम पांच बजे मंत्री परिषद की बैठक बुलायी है. माना जा रहा है कि इस बैठक में सभी मंत्रियों के इस्तीफ़े लेंगे और फिर नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा.
तय मंत्रियों को दे दी गई सूचना
राजभवन के सूत्र बता रहे हैं कि 21 नवंबर को मंत्रिमंडल पुनर्गठन की प्रबल सम्भावना है. हालांकि अंतिम तारीख़ तभी तय होगी, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल से मिलने राजभवन जाएंगे. राज्यपाल कलराज मिश्र आज शाम को UP के 2 दिवसीय दौरे से जयपुर लौटेंगे. इस बात की पूरी संभावना है कि राज्यपाल के लौटने के बाद ही मुख्यमंत्री उनसे समय मांगे. कहा यह भी जा रहा है कि जिन मंत्रियों के नाम तय हैं, उनको सूचना दे दी गई है और आगामी तीन दिन उनको जयपुर में रहने के लिए ही कहा गया है. नए बनाए जाने वाले मंत्रियों में लॉयल्टी फैक्टर सबसे अहम माना जा रहा है. पायलट और गहलोत कैंप के लॉयल नेताओं को जगह मिलेगी लेकिन साथ ही पार्टी आलाकमान की ओर से भी कुछ विधायकों के नाम तय किए गए हैं, जिन्हें मिशन 2023 की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है.
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पूरे मंत्रिमंडल का चेहरा बदलना होगा
मंत्रिमंडल पुनर्गठन के लिए जातिगत सियासी और जिला वाइज़ समीकरण भी साधने की कोशिश की जाएगी. गहलोत की कोशिश रहेगी कि बसपा से कांग्रेस में आने वाले विधायकों पार्टी का साथ देने वाले निर्दलीय विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह जाए. हालांकि कांग्रेस के जानकार और वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पार्टी को सत्ता में वापसी केलिए बड़ी सर्जरी करनी होगी. इसके लिए पूरे मंत्रिमंडल का चेहरा बदलना होगा.