Jaipur: पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण के सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने कोरोना प्रबंधन के मामले में राज्य सरकार और उसके अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर सवाल उठाए हैं. राज्यवर्धन ने कहा कि उनके पास चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का पत्र आया है, जिन्होंने जिले में संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए 111 आइटम की लिस्ट भेजी है. इसकी लागत 3 लाख 64 रुपए बताई गई है.


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राठौड़ ने कहा कि उन्होंने इस पत्र के तत्काल बाद एक करोड़ रुपए की मंजूरी सांसद निधि कोष से दे दी है. इस मंजूरी के साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 2 साल में राज्य सरकार के पास चिकित्सा संसाधनों पर खर्च करने के लिए 1 लाख 58 हजार 231 करोड़ रुपए का बजट था. लेकिन वह सही तरीके से खर्च नहीं किया गया.


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राठौड़ ने कहा कि साल 2019-20 में राज्य के पास 67 हजार 268 करोड़ रुपए थे, जबकि 2020-21 में 90 हजार 963 करोड़ रुपए थे. जयपुर ग्रामीण सांसद ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर इतना पैसा होने के बाद भी संसाधनों की व्यवस्था सरकार के स्तर पर नहीं हो पा रही तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? पैसे की मंजूरी का है, दूसरा हिस्सा पर्याप्त बजट होने के बावजूद संसाधन नहीं जुटाने के आरोपों का है.


राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि उनके पास 4 मई की तारीख में लिखा चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का पत्र आया है, जिन्होंने जिले में संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए 111 आइटम की लिस्ट भेजी है. इसकी लागत 3 लाख 64 रुपए बताई गई है. राठौड़ ने कहा कि उन्होंने इस पत्र के तत्काल बाद एक करोड़ रुपए की मंजूरी सांसद निधि कोष से दे दी है.


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