राजस्थान के 17 शहरों के हजारों लोगों को घर देगी गहलोत सरकार, ऑनलाइन आवेदन शुरू
Jaipur news: राजस्थान सरकार ने शहरवासियों को छत के नीचे रहने का सौगात दिया है. शहरवासियों के लिये राजस्थान आवासन मंडल राज्य के 14 जिलों के 17 शहरों में 27 आवासीय और एक व्यवसायिक योजनाएं लांच की है. सरकार ने इसके लिये आनलाइन आवेदन भी शुरु कर दिया है.
Jaipur news: शहरवासियों का छत के नीचे रहने का सपना साकार होगा. इस सपने को पूरा करने के लिए राजस्थान आवासन मंडल राज्य के 14 जिलों के 17 शहरों में 27 आवासीय और एक व्यवसायिक योजनाएं लांच की है. नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने इन योजनाओं की बुकलेट लांच की. इन योजनाओं के लिए आज से ही ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गई है. सभी आवासीय स्कीम में 4500 से ज्यादा फ्लैट-विलाज बनाकर लोगों को आवंटित किए जाएंगे. इन आवासीय योजनाओं के साथ ही आज जयपुर के प्रताप नगर में 132 शोरूम वाली ग्रीनवुड शॉपिंग आर्केड व्यावसयिक योजना भी लांच की गई है.
खुद के घर की छत का सपना जल्द पूरा होगा. राजस्थान आवासन मंडल ने अपनी थीम 'हमारा प्रयास, सबको आवास' को मजबूत करते हुए प्रदेश के 14 जिलों के 17 शहरों में 4500 से ज्यादा फ्लैट-विलाज के लिए विभिन्न आवासीय और एक व्यावसायिक योजना लॉन्च की. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और आवासन मंडल आयुक्त पवन अरोड़ा ने आज सभी योजनओं की बुकलेट लांच करते हुए कहा की सरकार की मंशा है कि आमजन को उचित कीमत में गुणवत्तायुक्त आवास मिल सके. आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने मंत्री शांति धारीवाल को इन योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
इस मौके पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कोरोनाकाल में भी आवासन मंडल ने 15 शहरों में 3 हजार मकान बनाए और उनका कब्जा भी दे दिया. इन 4 सालों में आवासन मंडल ने साढ़े 12 हजार मकान बनाए. एक समय था पिछली भाजपा सरकार के समय आवासन मंडल ने 5 साल में एक भी मकान नहीं बनाया था. बल्कि 23 मकान खाली छोड़ कर चले गए थे, जो कि खंडहर हो गए थे. आज उन्हीं मकानों के हाल इस कदर सुधारे गए हैं कि लोग उन्हें दुगने व तिगुने दाम में खरीदने को आतुर हैं. धारीवाल ने कहा की आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा और उनकी टीम की तारीफ करते हुए कहा कि आवासन मंडल ने अपनी स्थापना दिवस से लेकर बाद तक जो काम किया था पिछले चार वर्षो में लीक से हटकर आज आवासन निजी क्षेत्र से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और उसमें मंडल को सफलता भी मिल रही है. मंडल आज आधुनिक विलाज बना रहा है. योजनाओं में आवंटियों के लिए हर जरूरी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
एक वक्त था जब मंडल के पास कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसा नहीं था. आज आवासन मंडल ने अपना टर्नओवर बढ़ाकर आठ हजार करोड़ कर दिया. लीक से हटकर जो काम किए गए हैं उनमें कई अभूतपूर्व और बेमिसाल हैं. जयपुर के मानसरोवर में वर्ल्ड क्लास सिटी पार्क बनाया. पार्क को देखने रोजाना दस से पन्द्रह हजार लोग आ रहे हैं. विदेशों में की तर्ज पर जयपुर के प्रताप नगर में जो कोचिंग हब बनाया गया है, ऐसा कोचिंग अब पूरे देश में कहीं नहीं है. कांस्टीट्यूशनल क्लब ऑफ इंडिया की तर्ज पर 90 करोड़ रुपए की लागत से कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान बनाया जा रहा है. विधायकों के लिए 160 बहुमंजिला आवास बनाए जा रहे हैं. इन दोनों प्रोजेक्ट्स का काम जून तक पूरा हो जाएगा। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि आवासन मंडल अधिनियम में महत्वपूर्ण बदलाव करके पहली बार मंडी को अतिक्रमण हटाने व राशि वसूलने के अधिकार दिए गए. इसके कारण आवासन मंडल ने 15 सौ करोड़ से अधिक बाजार भाव की भूमि से अतिक्रमण हटाए. मुख्यमंत्री की सोच थी कि या तो मंडल को बंद कर दिया जाए इस तरह से मंडल को इस तरह दुबारा खड़ा किया जाए कि लोग उसकी नजीर दे. आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा और मंडल अधिकारियों ने इस दिशा में जो जमकर काम किया है, उसके नतीजे अब मिलने लग गए हैं.
आवासन मंडल आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया की प्रदेश के 17 शहरों में 27 योजनाएं लांच की गई हैं. इसके अलावा जयपुर के प्रताप नगर में राणा सांगा मार्ग पर ग्रीनवुड शॉपिंग आर्केड व्यावसायिक योजना लांच की है. जो आवासीय योजनाएं लांच की गई हैं, वो योजनाएं जयपुर और जोधपुर जैसे बड़े शहरों में भी है तो निवाई और भिंडर जैसे छोटे शहरों में भी है. योजनाएं आज लांच की गई है उनमें जयपुर में लाई जा रही विलाज और स्वतंत्र आवास योजना सबसे बड़ा आकर्षण हैं. विलाज की योजना तो आवासन मंडल के इतिहास में पहली बार लाई जाएगी वहीं स्वतंत्र आवास की योजना भी 20-25 सालों बाद लांच की गई है. विलाज की योजना को लेकर अभी से लोगों में काफी उत्सुकता है. योजना में दो प्रकार के 120 और 135 वर्गमीटर भूखंड पर विलाज प्रताप नगर में राणा सांगा मार्ग पर बनाए जाएंगे. इसी के नजदीक आवासन मंडल पहली बार थ्री बीएचके और फॉर बीएचके रेडी टू शिफ्ट लक्जरी अपार्टमेंट बनाएगा। इनमें एक योजना का नाम ग्रीन वुड आइकॉनिक और दूसरी योजना का नाम ग्रीन वुड होराइजन होगा. इसी तरह विलाज की योजना का नाम ग्रीन वुड मेंशन और व्यावसायिक योजना का नाम ग्रीन वुड शॉपिंग आर्केड रखा है.
जयपुर में विलाज और स्वतंत्र आवास की योजनाएं निजी क्षेत्र की योजनाओं से किसी भी दृष्टि से कम नहीं होगी. योजनाएं निजी क्षेत्र को सीधे टक्कर देंगी ये सभी गेटेड स्कीम्स होंगी। इनमें बेहतर लेड स्केपिंग से 24 घंटे बिजली पानी आपूर्ति और सुरक्षा की व्यवस्था होगी. आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने कहा कि आवासन मंडल ने 15 शहरों में 3000 आवास बनाकर उनका कब्जा लोगों को दे दिया. मुख्यमंत्री जन आवास योजना में बनाए जा रहे 4600 मकान अगले 15 दिन में पूरे हो जाएंगे इसी 31 मार्च से पहले उनका कब्जा दे दिया जाएगा. इसके अलावा आवासन मंडल की और भी कई निर्माणाधीन योजनाएं हैं. इन सभी को मिलाया जाए तो मंडल ने साढ़े 13 हजार मकानों का योगदान दिया है. इनमें से आधे मकानों का कब्जा दिया जा चुका है, शेष का जल्द दे दिया जाएगा। इसके अलावा सरप्लस 18 हजार मकानों में से साढ़े 14 हजार मकानों को बेचा जा चुका है. इस तरह मंडल ने करीब 37 हजार परिवारों की आवास की समस्या का समाधान कर दिया है।
मकानों में 60 प्रतिशत मकान ईडब्लूएस और एलआईजी वर्ग के हैं. गरीबों व जरूरतमंदों को आवास उपलब्ध कराने की आवासन मंडल की प्राथमिकता के बारे में बताते हुए आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने कहा मुख्यमंत्री जन आवास योजना में गरीबों के लिए जो मकान बनाए जा रहे हैं, उनमें इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि यहां रहने वाले गरीब आवंटी को गौरव की अनुभूति नहीं हो. यह नहीं लगे कि वह गरीबों की बस्ती में आ गया है। इसके लिए मंडल इन योजनाओं में अच्छे व आकर्षक गेट लगाने के साथ चारदिवारी बनाई जा रही है। लैंड स्केपिंग, प्लांटेशन, पार्किंग, साफ-सफाई और सुरक्षा के साथ लिफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है. प्रदेश के छोटे शहरों पर भी आवासन मंडल का फोकस है। इसलिए इन शहरों में भी योजनाएं लाई गई हैं।
आरएचबी आवास मोबाइल एप से हर शहर में आवास की आवश्यकता को लेकर सर्वे किया जा रहा है। अब तक 8 हजार मकानों की आवश्यकता सामने आ चुकी है. नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की ओर से आज लांच की गई योजनाओं में जयपुर के प्रताप नगर में 132 शोरूम वाली ग्रीनवुड शॉपिंग आर्केड व्यावसयिक योजना सहित प्रताप नगर सेक्टर 22, 23, 26 और 28 में कुल 1332 और जोधपुर के बड़ली में 1090, चौपासनी में 288,अजमेर के ब्यावर में 57, उदयपुर के हिरण मगरी में 24, भीलवाड़ा के पटेल नगर 41, चित्तौड़गढ़ के निंबाहेडा में 71, किशनगढ़ के खोड़ा में 175, हनुमानगढ़ में 504, बूंदी के लाखेरी में 317, आबूरोड में 189, टोंक के निवाई में 77, चूरु में 10, धौलपुर में 45, भिंडर में 22, सलूंबर में 27, शाहपुरा में 83, बड़ी सादड़ी में 74, बांसवाड़ा परतापुर में 80, डूंगरपुर में 63 आवासों की योजना शामिल हैं. इनमें सभी आय वर्ग के लिए आवास उपलब्ध कराए जाएंगे.
हाउसिंग बोर्ड की ओर से पहली बार प्राइवेट सेक्टर की तर्ज पर जयपुर में अत्याधुनिक इंडिपेंडेंट विला और 4 बीएचके लग्जरी फ्लैट्स की योजना लाई जा रही है. इसमें गेटेड कम्युनिटी, लैंडस्केपिंग, क्लब हाउस, इनडोर-आउटडोर गेम्स की सुविधा, वॉक-वे, सुरक्षा, 24 घण्टे पानी-बिजली की सुविधा होगी. इन योजनाओं के आवंटियों के लिए बैंकों से 90 फीसदी तक बैंक लोन दिलवाने की भी सुविधा हाउसिंग बोर्ड की तरफ से उपलब्ध करवाई जाएगी.