Pakistan Violence: पाक में आपस में क्यों लड़ रहे हैं शिया और सुन्नी? 80 लोगों की हो चुकी है मौत
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Pakistan Violence: पाक में आपस में क्यों लड़ रहे हैं शिया और सुन्नी? 80 लोगों की हो चुकी है मौत

Pakistan Violence: पाकिस्तान में हिंसा जारी है और इसमें 80 लोगों की जान जा चुकी है. यह हिंसा शिया और सुन्नी समुदाय के बीच हो रही है. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है. आइये जानते हैं.

Pakistan Violence: पाक में आपस में क्यों लड़ रहे हैं शिया और सुन्नी? 80 लोगों की हो चुकी है मौत

Pakistan Violence: पाकिस्तान इस वक्त बुरे दौर से गुजर रहा है. एक तरफ मईशत और दसूरी तरफ लगातार हो रहे हिंसा के मामलों ने मुल्क को गहरे जख्म दिए है. शिया और सुन्नी के बीच चल रहे विवाद में कई दर्जन लोगों की जान जा चुकी है. पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि देश के उत्तर-पश्चिम में फिर से भड़के कम्यूनल वॉयलेंस में 80 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद अब सीज़फायर की बातचीत की गई है.

पाकिस्तान में क्यों हो रहा है यह विवाद?

पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन दिन से जारी इन हिंसा में 156 लोग घायल हुए है. अफगान सीमा के करीब कुर्रम के जनजातीय जिले में यह हिंसा हो रही है. हिंसा की शुरुआत गुरुवार को हुई, जब बंदूकधारियों ने पुलिस सुरक्षा में इलाके से गुजर रहे शिया मुसलमानों के काफिले पर हमला किया. इस घटना में 40 से ज़्यादा लोग मारे गए.

इस हमले ने वहां के शिया समुदाय में गुस्सा भर दिया और इसके बाद बदला लेने का कम शुरू हुआ. शिया और सुन्नी मुसलमान दशकों से जमीनी लड़ाई को लेकर आपस में भिड़ते आए हैं. रॉयटर्स और एएफपी समाचार एजेंसियों के मुताबिक, रविवार को बातचीत के बाद सरकारी प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि शिया और सुन्नी दोनों नेता हिंसा रोकने पर सहमत हो गए हैं.

काफिले पर हुए हमले में कितने लोग मारे गए?

रविवार को एक लोकल प्रशासन अधिकारी ने एएफपी को बताया, "21, 22 और 23 नवंबर को हुई झड़पों और काफिले पर हमलों के परिणामस्वरूप 82 लोगों की मौत हो गई और 156 घायल हो गए." नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने बताया कि मृतकों में 16 सुन्नी और 66 शिया समुदाय के थे.

गुरुवार को काफिले पर हुए हमले मं मरने वालों में बच्चे और औरतें भी शामिल थीं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सईदा बानो ने आपबीती बताई है. उन्होंने कहा, जिस वक्त हमला हुआ तो वह अपनी कार की सीट के नीचे घुस गई. शुक्रवार और शनिवार को बढ़ती हिंसा के बीच सैकड़ों निवासी पलायन कर गए.

सुन्नी गांव के रहने वाले ने क्या कहा?

सुन्नी गांव के एक निवासी ने बताया कि उसके परिवार के सदस्य महफूज जगहों पर चले गए हैं, जबकि वह यहीं रह गया है. "हम पूरी रात गोलियों की आवाज सुनते रहे हैं. मैंने अपने परिवार की महिलाओं और बच्चों को पहाड़ों में छिपने के लिए भेज दिया है." उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि कितनी ठंड है. लेकिन, मेरे पास दूसरा ऑप्शन नहीं है. यहां हर कोई यही काम कर रहा है.

पिछले कुछ महीनों में हुए हमलों में दर्जनों लोगों की मौत के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसके बाद कबायली परिषद ने युद्ध विराम की मांग की है. एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को प्रांतीय अधिकारियों ने शिया और सुन्नी समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत शुरू की है.

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