Jaipur : राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) ने बुधवार को बैठक ली. बेनीवाल बाल संरक्षण के विषय पर काम कर रही स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ मंथन किया. इस दौरान बेनीवाल ने कोरोना से उतपन्न हालात में बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिए कहा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

झालाना स्थित आयोग के कार्यालय में हुई बैठक में बाल अपराध और बाल अधिकारों के संरक्षण की योजना, कोविड से अनाथ हुए बच्चों का पुनर्वास, कोरोना की संभावित तीसरी लहर, पॉक्सो और जेजे अधिनियम के अंतर्गत किए गए प्रयास आदि को लेकर चर्चा की गई. खासकर कोरोना (Coronavirus) के इस माहौल में पढ़ाई से दूर हुए बच्चों को लेकर चिंता व्यक्त की गई. प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, ऑफ लाइन पढ़ाई बंद है ऐसे में उन बच्चों का शिक्षा से मोहभंग हो रहा है. ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए एनजीओ प्रतिनिधियों से अपील की गई.


आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे जा रहे कार्यों का फीडबैक लिया, साथ ही उन्हें जमीन स्तर पर आ रही परेशानियों के बारे में भी जानकारी ली. स्वंयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने उनके दूवारा किए जा रहे नवाचार आज की बैठक में साझा किए. इस बैठक में कई ऐसी विषय सामने आए जो बच्चों के पर्नर्वास और संरक्षण में बाधा बन रहे हैं. आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गंभीरता. से लेते हुए उनके तुरंत निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. 


यह भी पढे़ं- Jaipur में मिलेगी Pollution से राहत, E-Vehicle के लिए 73 चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारी


संगीता बेनीवाल ने जानकारी दी कि बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत करीब 50 परिवारों का रेस्क्यू किया गया जिसमें 30 बच्चे शामिल हैं. इसके साथ ही इन परिवारों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है. वहीं, कुछ बच्चे ऐसे भी मिले जिनके माता पिता नहीं थे, ऐसे बच्चों को बाल गृहों में भेजा गया है.


संगीता बेनीवाल ने बैठक में सामने आए बिन्दुओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड का समय सभी के लिए मुश्किले लेकर आया लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हुए हैं. ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने प्रयासों से बच्चों को एक सुरक्षित माहौल दे सके जिससे उनके विकास में कोई कमी ना आए.