Bassi: कई बार देखने और सुनने में आता है कि संसाधनों के अभाव को सिस्टम की मजबूरी मानकर विद्यालय में खेल प्रतिभागियों के अरमानों पर पानी फेर दिया जाता है, लेकिन अगर कुछ करने का जज्बा हो तो उसमें संसाधनों की कमी आड़े आती है और ना ही खेल मैदान का अभाव और अन्य परेशानियां आती है.


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ऐसा ही सकारात्मक सोच को प्रेरणा देने वाली शारीरिक शिक्षिका चंचल खींची के प्रयास संसाधनों के अभाव पर भारी है. बस्सी उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत कचौलिया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में खेल मैदान नहीं है, लेकिन विद्यालय में कार्यरत शारीरिक शिक्षिका चंचल ने विद्यालय प्रबंधन के सहयोग से छात्राओं को जहां हॉकी, रग्बी जैसी कठिन खेल प्रतियोगिता में जिला स्तर पर विजयी बनाकर लाती है, वहीं कई छात्राओं का राज्य स्तर पर भी चयन होता है. खो-खो, कबड्डी जैसी खेल प्रतियोगिता में भी विद्यालय की टीम जिला स्तर और राज्य स्तर पर सिरमोर रहती है. 


साथ ही शारीरिक शिक्षिका द्वारा गांव के खेत में हॉकी, रग्बी समेत अन्य खेल प्रतियोगिताओं के लिए छात्राओं को जहां देसी जुगाड़ से तैयारी कराती नजर आती है, तो वहीं अन्य खेल प्रतियोगिताओं के लिए भी खिलाड़ियों को तैयार करती है. खेत में हॉकी के गोलपोस्ट भी शारीरिक शिक्षिका ने लकड़ियों से बनाकर तैयार किया है.


शिक्षा के क्षेत्र में जहां परिणाम के लिए भी कचौलिया का राजकीय विद्यालय अपनी छाप छोड़ता है वहीं खेल के क्षेत्र में भी विद्यालय ने अपनी चमक जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर छोड़ी है. विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यार्थियों को समय-समय पर विभिन्न खेलों के लिए विद्यालय के पूर्व प्रतिभाशाली खेल प्रतिभाओं को विद्यालय में बुलाकर छात्र-छात्राओं से रूबरू करा कर खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया जाता है. विद्यालय में खेल मैदान नहीं, लेकिन जज्बे से प्रतिभाएं निखार रही हैं. खेत में हॉकी प्रैक्टिस के साथ ही खो-खो, कबड्डी की तैयारी करा रही सरकारी स्कूल की शारीरिक शिक्षिका संसाधनों के अभाव में भी तैयार कर रही खेल प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर छात्राएं नाम रोशन कर रही हैं.


Reporter: Amit Yadav


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