Jaipur: विवाह रजिस्ट्रेशन संशोधित विधेयक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने बड़ा फैसला लिया है. अब राज्य सरकार इस संशोधित बिल पर फिर से कानूनी राय लेगी. राज्यपाल (Governor) के पास भेजे हुए प्रस्ताव को वापस लिया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बालिका दिवस के राज्यस्तरीय समारोह में इस बात को स्पष्ट किया.


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मुख्यमंत्री गहलोत ने क्या कहा
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेश के अनुसार विवाह का पंजीयन कराना जरूरी है. इससे पहले कई बाल विवाह (Marriage) हुए लेकिन उनका पंजीयन नहीं हुआ. हमारा मकसद था कि इन बाल विवाह (child marriage) को पंजीकृत कर प्रॉपर्टी विवाद (Property dispute) अर्चन को खत्म करना है. इस एक्ट पर पूरे देश में कंट्रोवर्सी चल रही है, लेकिन बाल विवाह को बढ़ावा देना हमारा मकसद नहीं है. सीएम का कहना था कि इस कानून (Law) को फिर से दिखा रहे हैं.


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राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को जारी किया था नोटिस 
हाल ही में मैरिज एक्ट संशोधन विधेयक (Marriage Act Amendment Bill) के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने राज्य और केंद्र सरकार (Central Government) को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से इस संबंध में अधिवक्ता प्रकाश ठाकुरिया की जनहित याचिका में कोर्ट ने जवाब मांगा है. हाल ही विधानसभा में राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक (Marriage Registration Amendment Bill) पारित किया था. इस मामले में अगली सुनवाई 22 नवम्बर को होगी.