Jaipur: भगवान श्री कृष्ण (Shree Krishna) ने इंद्र (Indra Dev) का घमंड तोड़ने के लिए रची लीला को हम सब जानते हैं. पौराणिक मान्यताओं की मानें तो 5 हजार साल पहले श्री कृष्ण ने गोवर्धन (Govardhan Puja) पर्वत को उठाकर इंद्र के वर्षा रूपी प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा की थी, इसलिए आज के दिन गोवेर्धन पूजा की जाती है. 


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आराध्यदेव के भक्ति में लीन छोटी काशी
गोवेर्धन पूजा के दिन छोटी काशी के आयध्यदेव श्री गोविंददेव (Shri Govind Devji) जी 100 साल पुरानी पोशाक में उतने ही मनमोहक लग रहे जितना की 100 पहले इस पोषक को धारण करवाई तब. जयपुर के पूर्व महाराजा माधोसिंह ने बरसो पहले इसी पोशाक को धारण करवाई थी. आराध्य देव के दरबार मे आज बड़े ही धूम-धाम से अन्नकूट महोत्सव मनाया गया. इस मौके पर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भी ठाकुर जी के ठोक लगाई.


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गोवर्धन पर्वत के नीचे गोकुलवासी विराजित हो
गोविंद के दरबार मे विशेष गोवर्धन पूजा की गई. ठाकुर जी को कई प्रकार के वयंजनो का भोग लगाया गया। इस दौरान मंदिर परिसर में भक्तों का सैलाब इतना उमड़ा मानो गोवेर्धन पर्वत के नीचे गोकुलवासी विराजित हो.