CM Bhajanlal Sharma: राजस्थान की भाजपा सरकार ने मंत्रिमंडल गठन और विभागों के बंटवारे के तत्काल बाद नौकरशाही में दो दिन पहले पहला बड़ा फेरबदल किया है.लेकिन अब सचिव,प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव सहित विभागों में लगे अफसरों के तबादला सूची का इंतजार हैं.सचिवालय में बैठने वाले विभागों के प्रमुखों को अभी इस सूची में शामिल नहीं किया गया है.


 ब्यूरोक्रेसी में बदलाव पर ज्यादा फोकस रखा था


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इसके लिए इंतजार करना पड सकता हैं.क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा कार्यालय में विधायकों से बातचीत में ब्यूरोक्रेसी में बदलाव पर ज्यादा फोकस रखा था और यह स्पष्ट कर दिया था कि बार-बार अधिकारी बदलने से कुछ नहीं होता.वे खुद भी इसके पक्ष में नहीं हैं.भजनलाल सरकार की पहली प्रशासनिक सर्जरी जिलों में मतदाता सूची पुनरीक्षण को देखते हुए की गई है.


किसी तरह की जल्दबाजी नहीं कर रहे थे


दरअसल भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री की शपथ 15 दिसम्बर को ली थी.इसके बाद से ही ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन सीएम ब्यूरोक्रेसी के बदलाव में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं कर रहे थे.उन पर कई तरह के दबाव भी आए.डिप्टी सीएम, मंत्री, विधायकों में थोड़ी बहुत नाराजगी भी अंदर ही अंदर थी, लेकिन अब सभी के समझ आ गया कि आखिर सीएम भजनलाल शर्मा ब्यूरोक्रेसी के बदलाव में जल्दबाजी क्यों नहीं कर रहे?


पीएम नरेन्द्र मोदी ने भाजपा कार्यालय में विधायकों से बातचीत में ब्यूरोक्रेसी में बदलाव पर ज्यादा फोकस रखा था और यह स्पष्ट कर दिया था कि बार-बार अधिकारी बदलने से कुछ नहीं होता.वे खुद भी इसके पक्ष में नहीं हैं.पीएम मोदी ने जैसे ही यह बात कही वैसे ही ब्यूरोक्रेसी में बदलाव के लिए जो मंत्री-विधायक सीएम पर दबाव डाल रहे थे.


तबादलों से पहले पूरी चर्चा कर निर्णय करना चाहते हैं


उन्हें समझ आ गया कि पीएम नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र से सीएम भजनलाल शर्मा पहले से ही अवगत थे.सीएम अभी भी बड़े पदों पर तबादलों से पहले पूरी चर्चा कर निर्णय करना चाहते हैं.जिससे बार-बार तबादलों की स्थिति न बने और न ही मंत्री-अफसरों के बीच विवाद की खबरें सामने आएं.यहां तक कि सीएमओ में भी अफसर लगाने की जल्दबाजी नहीं की जा रही है.


अभी तक जो आईएएस और आरएएस के स्थानान्तरण किए गए हैं. वे सिर्फ उन्हीं पदों पर हुए हैं,जो चुनाव और मतदाता सूची से जुड़े काम में लगे हुए हैं.


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