गहलोत को हरीश चौधरी की खुली तौर पर नसीहत, मैं मुख्यमंत्री नहीं रहा लेकिन रहे शब्दों की गरिमा
Rajasthan Politics : अशोक गहलोत को हरीश चौधरी ने खुले तौर पर नसीहत देते हुए कहा कि वो ना तो 3 बार के मुख्यमंत्री नहीं है, केंद्र में मंत्री नहीं रहे हैं, PCC चीफ़ नहीं रहे हैं लेकिन वो अपनी भाषा का स्तर इतना नीचे नहीं ले जा सकते जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमज़ोर हो.
Rajasthan Politics : OBC आरक्षण विसंगति मामले में कैबिनेट के फ़ैसले के बाद कांग्रेस नेता हरीश चौधरी ने प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कैबिनेट के सदस्यों का आभार व्यक्त किया है. प्रेस वार्ता के दौरान चौधरी OBC मसले को लेकर लगाए गए आरोपों और राजस्थान कांग्रेस के वर्तमान हालातों को लेकर भी तल्ख़ नज़र आए. राजस्थान के सियासी मसले पर बात करते हुए हरीश चौधरी ने कहा पार्टी एडवाइजरी जारी कर रखी है लिहाज़ा बहुत अधिक नहीं बोल सकते. लेकिन कोई भी पार्टी से बड़ा नहीं है मेंने पंजाब के प्रभारी बनने के बाद मंत्री पद छोड़ दिया. कोई व्यक्ति अगर पद के लिए विवाद करे ये ठीक नहीं है. भारत जोड़ो यात्रा से पहले इस तरह का विवाद ठीक नहीं है. लेकिन कोई भी नेता हो कितना भी बड़ा हो, अपने शब्दों की गरिमा और मर्यादा का ख्याल करना चाहिए.
पार्टी को नुक़सान पहुंचाने वाले बयान नहीं देने चाहिए उन्होंने बिना नाम लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि भले ही वे 3 बार के मुख्यमंत्री नहीं है केंद्र में मंत्री नहीं रहे हैं PCC चीफ़ नहीं रहे हैं लेकिन वो अपनी भाषा का स्तर इतना नीचे नहीं ले जा सकते जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमज़ोर हो. बयानबाज़ी के ख़िलाफ़ कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा ये पार्टी को तय करना है पार्टी इस संबंध में जो भी उचित होगा वो निर्णय करेगी. राजस्थान में विधायकों के विधानसभा स्पीकर को इस्तीफ़ा सौंपने के सवाल पर हरीश चौधरी ने कहा मैं किसी भी लिस्ट में शामिल नहीं हूँ. पार्टी के सभी विधायक आलाकमान पर निर्णय छोड़ चुके हैं. जो फेसला होगा वो मंज़ूर होगा. राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए सभी नेताओं कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए यह बयान बाज़ी का समय नहीं है.
उन्होंने कहा आरक्षण मामले को लेकर जब कैबिनेट में विरोध के स्वर सुनाई दिए अभी उन्हें अपने तरीक़े में बदलाव करना पड़ा. हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर भी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि उनकी मंशा कभी भी इस मसले को लेकर जातिगत माहौल ख़राब करने की नहीं रही. राजस्थान की यह परंपरा नहीं रही है ये जाति को दूसरी जाति के समकक्ष खड़ा किया जाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने छात्र संघ का चुनाव राजपूत छात्र नेता के सामने लड़ा था जहाँ से विधायक बनकर आते हैं वहाँ भी सामने राजपूत प्रत्याशी रहते हैं इसका मतलब ये नहीं कि वे राजपूत विरोधी हैं लेकिन जो आरोप उन पर लगाए गए उनसे बेहद आहत हुए हैं. कांग्रेस नेता हरीश चौधरी की प्रेस वार्ता के बाद कुछ भूतपूर्व सैनिक उनके घर पहुँचे थे. उन्होंने केबिनेट के निर्णय को लेकर रोष जताया. हरीश चौधरी ने की समझाने की कोशिश की लेकिन पूर्व सैनिक काफ़ी देर तक विरोध करते रहे.
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