Jaipur News: हवामहल विधानसभा क्षेत्र में गढ़ गणेश मंदिर के रोपवे शिलान्यास को लेकर विवाद गर्मा गया है.निर्वाचन विभाग ने शिलान्यास कार्यक्रम को रुकवाकर मंत्री महेश जोशी की पट्टी का हटवाई और बाद में महंतो द्वारा ही शिलान्यास करवाया.इस पूरे मामले पर भाजपा भी मैदान में आ गई है,हवामहल में कैसे गढ़ गणेश मंदिर के रोप वे शिलान्यास पर सियासी बवाल शुरू हो गया है.


मंत्री को थमाया जा सकता नोटिस


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हवामहल बना विवादों का गढ़.मंत्री महेश जोशी ने खुलकर उडाई आचार संहिता की धज्जियां.गढ़ गणेश रोपवे शिलान्यास को लेकर विवाद गरमाया. अब मंत्री को थमाया जा सकता है नोटिस.हवामहल विधानसभा क्षेत्र के विधायक और मंत्री महेश जोशी ने आचार संहिता का खुलकर उल्लंघन किया. यह हम नहीं बल्कि निर्वाचन विभाग कह रहा है और निर्वाचन विभाग की सख्ती के बाद ही आज गढ़ गणेश मंदिर रोपवे शिलान्यास कार्यक्रम में मंत्री महेश जोशी शामिल नहीं हो पाए. 


शिलान्यास कार्यक्रम के लिए निजी कंपनी ने अखबार में विज्ञापन दिया तो प्रशासन के कान खड़े हो गए, सुबह प्रशासन की टीम वहां पर पहुंची और शिलान्यास कार्यक्रममें लगी मंत्री महेश जोशी के नाम पट्टिका को उखाड़ दिया. इतना ही नहीं मौके पर लगे तंबू भी उखाड़े और मंत्री को कार्यक्रम में ना आने की हिदायत भी दी. 


मंत्री ने उड़ाई आचार संहिता की धज्जियां


निर्वाचन विभाग की फ्लाइंग स्क्वाड टीम के सदस्य कीर्ति निर्वाण ने मौके पर पहुंचकर महंतो से ही इसका शिलान्यास करवाया.उनका कहना था कि यहां किसी भी तरीके का राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हो सकता है. इसलिए हमने मंत्री के पट्टीका यहां पर नहीं लगने दी.इसके अलावा इस कार्यक्रम का अखबार में विज्ञापन देना भी पूरी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन है. 


अब मंत्री महेश जोशी की इस मामले में मुश्किलें बढ़ सकती है. निर्वाचन विभाग मंत्री महेश जोशी को शिलान्यास मामले में नोटिस थमा सकता है. हालांकि जलधाय मंत्री महेश जोशी ने सफाई देते हुए कहा है की यदि मुझे नोटिस मिलेगा तो मैं इसका जवाब देने के लिए तैयार हूं.


बीजेपी की एंट्री,सियासत गरमाई


हालांकि दूसरी तरफ इस मामले को लेकर पूरी तरह सियासत भी गरमा गई है भाजपा नेता विमल अग्रवाल ने मंत्री महेश जोशी पर सवाल उठाते हुए कहा है की सरकार में रहने के बावजूद भी इतने अनुभवी होने के बावजूद भी मंत्री महेश जोशी आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं.हालांकि इस मुद्दे बीजेपी के पूर्व विधायक से बार बार पूछा,लेकिन उन्होंने इसका जवाब नही दिया.अब ऐसे में देखना होगा कि मंत्री जोशी को नियमो की बेपवाह 


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