Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की सफाई व्यवस्था से जुड़े मामले में अदालत में पेश हुए ग्रेटर और हेरिटेज नियम आयुक्तों को व्यक्तिगत हाजिरी से छूट देने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों आयुक्तों को कहा है कि वे शहर के पांच इलाके चिन्हित कर वहां पूरी तरह से सफाई कराए और एक सप्ताह बाद अदालत में उसकी रिपोर्ट पेश करें. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश सफाई व्यवस्था के मामले में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.


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केस की सुनवाई के दौरान ग्रेटर निगम आयुक्त महेन्द्र सोनी और हेरिटेज निगम आयुक्त विश्राम मीणा अदालत में पेश हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि आदेश की पालना में मोती डूंगरी, म्यूजियम रोड और गांधी नगर में सफाई करवा दी है. इस पर अदालत ने कहा कि इसकी आदेश की पालना की क्या बात है, यह तो उनकी ड्यूटी का हिस्सा है. वहीं दोनों अधिकारियों से सफाई कार्य में लगे हुए कर्मचारियों और इलाकों का ब्यौरा भी पेश किया.


 इसके अलावा अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने दोनों अफसरों की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांगी, लेकिन अदालत ने छूट देने ने मना कर दिया. वहीं न्यायमित्र अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि नगर निगमों में आठ हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, लेकिन फिर भी सफाई के हाल बेहाल हैं। निगम ने अब तक मोती डूंगरी रोड पर सफाई नहीं की है.


 नगर निगम केवल कागजों में ही कार्रवाई होना बताता है, जबकि वास्तविकता में कुछ काम नहीं हुआ है. जिस पर अदालत ने नगर निगम को कहा कि वह शहर के पांच एरिया चिन्हित कर उनमें सफाई का काम करवाए और इसकी रिपोर्ट आगामी शुक्रवार को पेश करें.गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर शहर की सफाई व्यवस्था चौपट बताकर दोनों नगर निगमों के आयुक्तों को अदालत में पेश होने कि निर्देश दिए थे.


Reporter: Mahesh Pareek


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