जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला नर्सिंग ऑफिसर का मातृत्व अवकाश के दौरान तबादला करने और बाद में अवकाश को निरंतर जारी नहीं रखने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक, अधीक्षक राजकीय मेडिकल कॉलेज भरतपुर, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आरबीएम जनाना अस्पताल और दौसा सीएमएचओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश ममता बाई की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.


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याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के जनाना अस्पताल, भरतपुर में कार्यरत रहने के दौरान उसका 2 जुलाई, 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक का मातृत्व अवकाश स्वीकृत किया गया. इसी बीच 21 जुलाई को उसका तबादला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बांदीकुई कर दिया. जिसकी पालना में याचिकाकर्ता को 25 जुलाई को रिलीव किया गया और उसने 27 जुलाई को बांदीकुई में पदभार ग्रहण कर लिया.


याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बांदीकुई के प्रभारी अधिकारी को पूर्व में स्वीकृत मातृत्व अवकाश को आगे जारी रखने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन प्रभारी अधिकारी ने इस पर स्वीकृति देने के बजाए प्रकरण को दौसा सीएमएचओ को भेज दिया. वहीं दौसा सीएमएचओ ने भी अवकाश स्वीकृत नहीं किया और 12 अगस्त को प्रकरण को स्वास्थ्य निदेशक के समक्ष भेज दिया. याचिका में कहा गया कि इसी बीच उसके प्रसव हो गया और वह काम करने की स्थिति में नहीं रही.


ऐसे में विभाग की ओर से मातृत्व अवकाश स्वीकृत नहीं करने की स्थिति में उसे मेडिकल अवकाश पर रहना पडा. जबकि राजस्थान सेवा नियम के नियम 103 के तहत वह मातृत्व अवकाश की अधिकारी है. ऐसे में याचिकाकर्ता को पूर्व में स्वीकृत मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. 


Reporter- mahesh pareek  


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