Holi 2023: नृसिंह यानि नर और सिंह को पुराणों में भगवान विष्णु का अवतार माना गया है. जो आधे मानव एवं आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं, जिनका सिर एवं धड़ तो मानव का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे. दक्षिण की तरफ मुंह वाले हनुमान जी को  'भगवान नृसिंह' कहा गया है. इस साल होलिका 7 मार्च 2023 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. ऐसे में हनुमान जी के साथ भगवान नृसिंहदेव भक्तों पर कृपा बरसाने जा रहे है. बस होलिका के समय इस मुख में खड़े होकर नृसिंह प्रार्थना के साथ हनुमान जी का बोले ये खास मंत्र और होलिका की अग्नि में डाल दें ये 5 चीज. 


होलिका पर करें नृसिंह प्रार्थना


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होलिका दहन के दिन चिरंजीवी माने जाने वाले हनुमान जी की पूजा से साधक के सभी बिगड़े काम शीघ्र ही बन जाते हैं और उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है. आइए होलिका के दिन हनुमत कृपा बरसाने वाले सरल एवं अचूक उपाय जानते हैं.


इस दिन ॐ दक्षिण मुखाय पंचमुख हनुमते कराल वदनाय नरसिम्हा ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः सकल भूत प्रेत दमनाय स्वाहा मंत्र का जाप करने से शत्रुओं के साथ भय का नाश होगा. इसी तरह नृसिंहदेव की  प्रार्थना करें जो इस प्रकार है.


'ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्', और 'नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्'। इनका अर्थ इस प्रकार है। हे क्रुद्ध एवं शूर-वीर महाविष्णु, तुम्हारी ज्वाला एवं ताप चतुर्दिक फैली हुई है। दूसरे का अर्थ है अहे नरसिंहदेव, तुम्हारा चेहरा सर्वव्यापी है, तुम मृत्यु के भी यम हो और मैं तुम्हारे समक्षा आत्मसमर्पण करता हूं।


दक्षिणामुखी हनुमान व  'भगवान नृसिंह' का कनेक्शन


दक्षिण की तरफ जो मुंह है उसे 'भगवान नृसिंह' कहा गया है. यह रूप अपने उपासको को भय, चिंता और परेशानियों से मुक्त कराएगा. दक्षिण दिशा में सभी तरह की बुरी शक्तियों के अलावा यह दिशा काल की दिशा मानी जाती है. यदि आप अपने घर दिशा में खड़े होकर दक्षिण दिशा में होलिका को प्रज्जवलित करेगें तो भगवान नृसिंह के साथ हनुमान जी का आशीर्वाद मिलेगा. दक्षिण दिशा में होलिका रखकर पूजा करने से सभी तरह की बुरी शक्तियों से हमें बचाते हैं. इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान की साधना काल, भय, संकट और चिंता का नाश करने वाली होती है.


होलिका दहन मंगलवार को है


होलिका दहन में होलिका और भक्त प्रह्लाद की पूजा की जाती है. होलिका दहन इस साल 2023 मंगलवार को है. इस दिन  होलिका दहन वाली सामग्री को अग्नि तत्व की दिशा दक्षिण-पूर्व में रखें. पूजा करते समय पूजा करने वाले व्यक्ति को होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए. दक्षिण की तरफ जो मुंह है उसे 'भगवान नृसिंह' कहा गया है. इस दिन हनुमान जी और भगवान नृसिंह का आशीर्वाद एक साथ मिलेगा. 


सुबह में भ्रदा, होलिका दहन के लिए मिलेगा केवल इतना समय


होलिका दहन के दिन सात मार्च को भद्रा सुबह 5.15 बजे तक है. ऐसे में प्रदोष काल में होलिका दहन के समय भद्रा का साया नहीं रहेगा. सात मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त शाम को 6.24 बजे से रात 8.51 बजे तक है. इस दिन होलिका दहन का कुल समय दो घंटे 27 मिनट का है.


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सूर्यास्त के पश्चात रात्रि के आने से पूर्व का समय प्रदोष काल कहलाता है. प्रदोष काल में महादेव भोले शंकर की पूजा की जाती है. इस दिन होलिका दहन मंगलवार को है ऐस में भगवान शंकर के रूद्रअवतार हनुमान जी और भगवान नृसिंह की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है. धन लाभ के साथ कार्यों में सफलता मिलती है. दिन होलिका के समय संध्याकाल में हनुमान जी की पूजा करने से मनोबांछित फल मिलता है.


सों की तंगी से छुटकारा पाने के लिए एक गन्ना को होलिका दहन के समय लपटों में दिखा ले. इसके बाद इसे घर लाकर दक्षिणी-पश्चिमी दिशा में खड़ा कर दें.  इससे आपको आर्थिक तरक्की मिलेगी.


ये 5 उपाय बनाएगा धनवान


तीन गेहूं की बाली और छह अलसी की बाली लेकर थोड़ा होलिका दहन के समय अग्नि में जला लें. इसके बाद अधभुनी बालियों को घर लाकर एक साफ नए लाल रंग के कपड़े में लपेटकर अपनी ऑफिस, दुकान आदि के एक कोने में इसे बांध या रख दें.बिजनेस में लाभ होगा.


सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या फिर चावल के कुछ दाने लेकर डाल दें इससे आपके ऊपर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा।


सेहत हमेशा सही रखने के लिए नीम की 10 पत्तियां, छह लौंग और थोड़ा का कपूर का टुकड़ा ले लें और होलिका दहन के समय अपने ऊपर से पांच या सात बार उतार अग्नि में डाल दें.


होलिका दहन के वक्त सभी राशियों के जातक पीली सरसों से हवन करें तो वे वर्षभर प्रसन्न रहेंगे. सुख-समृद्धि और विजय की भी प्राप्ति होगी.