लिखने के शौक को आईएएस नेहा ने दी अल्फाज की शक्ल,सीएम ने किया विमोचन
ब्यूरोक्रेट्स लेखन से जुड़े रहते हैं. कई ब्यूरोक्रेट्स होते है, जिन्होंने कई पुस्तकें लिखी होतीहै. ऐसे ही दो ब्यूरोक्रेट्स है, जिन्होंने एक पुस्तक लिखी है अल्फाज.
Jaipur: ब्यूरोक्रेट्स लेखन से जुड़े रहते हैं. कई ब्यूरोक्रेट्स होते है, जिन्होंने कई पुस्तकें लिखी होतीहै. ऐसे ही दो ब्यूरोक्रेट्स है, जिन्होंने एक पुस्तक लिखी है अल्फाज. जिसके लेखक हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी नेहा गिरी और भारतीय विदेश सेवा अधिकारी नितिन प्रमोद. इनकी पुस्तक का विमोच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर में किया था.
बता दें कि अल्फाज पुस्तक तीन भागों में बंटी हुई है. पहला भाग 'नज्म' कविताओं का संग्रह है, जिसमें हिंदी और उर्दू दोनों भाषाएं है. दूसरा भाग 'गुफ्तगू' शायरीनुमा सवाल-जवाब के अंदाज में लिखा गया है, जिसमें बाएं पृष्ठ पर नेहा गिरि की पंक्तियां हैं, जिनका दाएं पृष्ठ पर नितिन प्रमोद ने अपने बेहतरीन शायराना अंदाज में जवाब दिया हुआ हैं. अंतिम भाग 'सलाम' में 'शेर' पेश किए हुए हैं. पाठकों की सुविधा के लिए कुछ हिंदी और उर्दू शब्दों के अर्थ भी दिए गए हैं.
पुस्तक को लेकर नेहा गिरी ने कहा कि, यह मेरी पहली पुस्तक है. यदि आपमें भी लिखने की इच्छा है, तो लिख डालिए संकोच मत करिए. हमने कोरोना के दौरान लिखना शुरू किया था. जो संवाद हुआ, उसे एक पुस्तक में शेरों शायरी के माध्यम से पेश किया. पुस्तक में हमने कम शब्दों में ज्यादा कहने की कोशिश की. इसे हर व्यक्ति अपने हिसाब से खुद से इसे रिलेट कर सकता है.
किताब के बारे में आगे बताते हुए आईएफएस नितिन प्रमोद ने कहा कि, 'गुफ्तगू' की शुरूआत वॉट्सअप पर कुछ संदशों के रूप में हुई. जब कुछ पंक्तियां नेहा कि ओर से मिली तो उसने लिखने के लिए प्रेरित किया. यही से सवाल जवाब का सिलसिल गुफ्तगू में तब्दील हो गया.
इसके साथ ही दोनों ही अधिकारियों ने ब्यूरोक्रेसी में होने वाले संवादों, नौकरी के साथ जीवन में आने वाले उतार चढ़ावों को भी इस पुस्तक में दो पंक्तियों के माध्यम से बताया है. साथ ही आईएएस नेहा गिरी ने कहा कि पति इंद्रजीत ने भी हौसला बढ़ाया. इसके साथ ही कहा कि मेरी मां भी मेरी हर रचनाओं को सुनती थी.