GRP Vs RPF: आपने ट्रेन से सफर करने के दौरान अक्सर प्लेटफॉर्म्स और ट्रेनों में रेलवे पुलिस के जवानों को देखा ही होगा. रेलवे सुरक्षा की जिम्मेदारी जीआरपी और आरपीएफ पर होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं रेलवे की इन दोनों फोर्स के बीच अंतर क्या है?
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GRP Vs RPF In Railways: भारतीय रेलवे हर दिन लाखों पैसेंजर्स को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है. पैसेंजर्स और रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा के लिए रेलवे में दो मुख्य फोर्स काम करती हैं, जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) और आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स). ये दोनों फोर्स अपने-अपने क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं, लेकिन इनके कार्य, जिम्मेदारियां और अधिकारों में बड़ा अंतर है. आइए जानते हैं इन दोनों फोर्स के बीच क्या अंतर है और ये किस तरह से काम करती हैं.
RPF: केंद्र सरकार की सुरक्षा फोर्स
आरपीएफ, यानी रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, एक केंद्रीय सुरक्षा बल है जो भारतीय रेलवे मंत्रालय के अधीन काम करती है. इसका मुख्य उद्देश्य रेलवे की संपत्तियों और पैसेंजर्स की सुरक्षा करना है. 2003 में हुए आरपीएफ एक्ट में संशोधन के बाद, आरपीएफ को कुछ अधिकार दिए गए हैं, जैसे एफआईआर दर्ज करना और कार्रवाई करना. हालांकि, आरपीएफ का फोकस मुख्य रूप से रेलवे की संपत्ति और उसके परिचालन की सुरक्षा पर होता है.
GRP: राज्य सरकार की पुलिस फोर्स
जीआरपी, यानी गवर्नमेंट रेलवे पुलिस, राज्य सरकार के तहत काम करती है. यह फोर्स मुख्य रूप से रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाती है. अपराध जैसे चोरी, लूटपाट, हत्या, या जहरखुरानी के मामलों में जीआरपी मुकदमा दर्ज करके जांच करती है. स्टेशन परिसर और उसके एक किलोमीटर के दायरे में होने वाले अपराधों पर जीआरपी का अधिकार होता है.
कार्यक्षेत्र में अंतर
आरपीएफ का कार्यक्षेत्र रेलवे की संपत्ति और ऑपरेशन्स तक सीमित है. मान लीजिए कि अगर कोई रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाता है, तो आरपीएफ इसकी जांच करती है. वहीं, जीआरपी का कार्यक्षेत्र कानूनी अपराधों पर केंद्रित है, जैसे पैसेंजर्स के साथ होने वाले अपराध. दोनों फोर्स एक-दूसरे की मदद करती हैं, लेकिन उनके काम करने का तरीका और प्रायरिटीज अलग होती हैं.
आरपीएफ और जीआरपी के अधिकार
आरपीएफ मुख्य रूप से रेलवे की संपत्तियों और पैसेंजर्स की सुरक्षा करती है, लेकिन इसके अधिकार सीमित होते हैं. यह केवल रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकती है. दूसरी ओर जीआरपी को भारतीय दंड संहिता (IPC) और दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत कार्रवाई करने का अधिकार है. यह किसी भी आपराधिक मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है और मुकदमा दर्ज कर सकती है.
पैसेंजर्स की सुरक्षा में दोनों की भूमिका
जीआरपी और आरपीएफ दोनों ही पैसेंजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करती हैं. जीआरपी कानून व्यवस्था पर ध्यान देती है. जबकि, आरपीएफ रेलवे संपत्तियों को सुरक्षित रखने और रेल ऑपरेशन को सुचारु बनाने पर ध्यान केंद्रित करती है. दोनों फोर्स का तालमेल पैसेंजर्स की सुरक्षा और रेलवे के प्रभावी संचालन में अहम भूमिका निभाता है.