राजस्थान में रिवाज बदला तो जेडीए के प्रोजेक्ट को लग जाएंगे पंख,यदि राज बदल तो फिर क्या?
राजस्थान चुनाव: किसकी सरकार बन रही है? राजस्थान में ये सवाल शायद हर किसी के जुबान पर है. रिवाज और राज बदलने को लेकर चर्चाएं चल रही हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सरकार बनने और न बनने का बड़ा असर जेडीए के चल रहे प्रोजेक्ट पर भी पड़ेगा.
Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन खत्म हो गया, मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सभी नेताओं का भाग्य पेटियों में बंद है.3 नवंबर को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि किसका भाग्य बुलंद होगा और किसके सितारे गर्दिश में होंगे.3 नवंबर को मत पेटियां खुलेंगे. जब सरकार का होगा तख्ता पलट या कांग्रेस सरकार फिर से होगी रिपीट.
इन सब का लोगों को बेसब्री से इंतजार है, न सिर्फ चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को बल्कि प्रदेश की जनता को भी किसकी सरकार बनेगी. इस यक्ष प्रश्न को लेकर जबरदस्त उत्साह के साथ इंतजार है.
पिछले 5 साल प्रदेश में रही कांग्रेस सरकार ने राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी हिस्सों में कई बड़ी-बड़ी योजनाओं व विकास कार्यों के कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू करवाए है,ऐसे में जयपुर शहर के भी विकास कार्यों के लिए कांग्रेस सरकार ने कई बड़ी वादे व घोषणा की.
कुछ प्रोजेक्ट अभी भी अधूरे हैं
वह कई बड़े प्रोजेक्ट्स को शुरू भी किए है,कांग्रेस सरकार ने राजधानी जयपुर के विकास व सौंदर्यकरण सुव्यवस्थित यातायात के लिए जयपुर शहर में तकरीबन एक दर्जन से अधिक नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की.जीन में से कुछ प्रोजेक्ट पूरे हो गए तो कुछ प्रोजेक्ट अभी भी अधूरे हैं,हालांकि हालांकि जेडीए द्वारा शुरू किए गए. अधिकांश प्रोजेक्ट अभी भी निर्माण अधीन अवस्था में चल रहे हैं.
3 नवंबर को मत पेटियां खुलने के बाद अगर प्रदेश में कांग्रेस सरकार रिपीट होती है, तो जेडीए के निर्माण अधीन प्रोजेक्ट अपनी पूर्ण अवस्था ले लेंगे. लेकिन यदि मत पेटियां खोलने के बाद भाजपा के सितारे बुलंद होते हैं, और प्रदेश में विपक्षी पार्टी की सरकार बनती है. तो जेडीए के अधिकांश प्रोजेक्ट अटकने की संभावना है.
क्योंकि पूर्व में ऐसा कई बार देखा है कि सरकार बदलने के बाद नई आने वाली सरकार पिछली सरकार के अधिकांश योजनाओं प्रोजेक्ट्स को डंप कर देती है.अगर इस बार भी ऐसा ही होता है, तो सरकार बदलने के बाद जेडीए के एक दर्जन से अधिक राजधानी जयपुर के प्रोजेक्ट हवा में लटक जाएंगे.
प्रदेश में सरकार बदली तो अटक सकते हैं, ये प्रोजेक्ट
जेडीए के शहर में करीब आधादर्जन प्रोजेक्ट है निर्माण अधीन
जबकि कई प्रोजेक्ट्स होने हैं शुरू
आईपीडी टावर, B2 बाईपास पुलिया, झोटवाड़ा फ्लाईओवर, सेटेलाइट हॉस्पिटल, मेट्रो ट्रेन फेज - 2,, रामबाग चौराहा, जेडीए चौराहा गांधीनगर चौराहा सहित आधा दर्जन सिग्नल फ्री प्रोजेक्ट
4 बस अड्डे सहित कई प्रोजेक्ट है पाइपलाइन में
अगर प्रदेश में रिवाज बदला तो इन सभी प्रोजेक्ट्स को लगेंगे पंख
लेकिन राज बदल तो अट जाएंगे जेडीए के अधिकांश प्रोजेक्ट
चलिए दिखाते हैं आपको की जयपुर विकास प्राधिकरण के शहर को विकास व सौंदर्य करण के लिए शुरू किए गए कौन से बड़े प्रोजेक्ट्स हैं, जो सरकार अगर रिपीट होती है तो सुचारू रहेंगे और सरकार बदलती है तो लटक जाएंगे.लंबे समय से झोटवाड़ा क्षेत्र वासियों को दंश दे रही झोटवाड़ा पुलिया. जयपुर के चारों दिशाओं में खुलने वाले चार सेटेलाइट हॉस्पिटल.
सिग्नल फ्री करने का प्रोजेक्ट भी लटक सकते हैं
जयपुर के चार बस अड्डे,स्वास्थ्य योजना को पंख लगाने वाला आईपीडी टावर.मेट्रो फेज तो C1 C2,शहर को सिग्नल फ्री करने वाला यातायात से मुक्ति दिलाने वाला सबसे अहम प्रोजेक्ट B2 बायपास, जवाहर सर्किल, ओटीएस चौराहा, जेडीए चौराहा गांधीनगर मोड रामबाग सर्किल चोमू सर्किल, को सिग्नल फ्री करने का प्रोजेक्ट भी लटक सकते हैं.
प्रोजेक्ट्स को ठंडा बस्ता में डाल सकती हैं
झोटवाड़ा फ्लाई ओवर भाजपा सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का प्रोजेक्ट था, लेकिन सरकार बदलने के बाद प्रोजेक्ट के निर्माण की प्रक्रिया पूरी तरह धीमी हो गई,कुछ इसी तरह इस बार भी अगर प्रदेश में सरकार बदलती है, तो आने वाली सरकार पिछली सरकार की कई योजनाओं में प्रोजेक्ट्स को ठंडा बस्ता में डाल सकती है.जिसके चलते राजधानी जयपुर के जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्माणाधीन तकरीबन एक दर्जन प्रोजेक्ट्स भी बंद हो सकते हैं.
Reporter-Dinesh Tiwari
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