Diabetes control tips: अगर आपको भी है शुगर तो जल्द अपनाएं ये 5 मिनट के उपाय, कंट्रोल में रहेगा डायबिटीज
Diabetes control tips: शरीर में जब ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, तब डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ता है तब इसे बैलेंस करने के लिए हमें इंसुलिन की जरूरत पड़ती है तो इसी से बचने के लिए कुछ उपाए अपनाए.
Diabetes control tips: आज के दौर में डायबिटीज (Diabetes) एक गंभीर बीमारियों में से एक है, जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है. यह बीमारी छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र तक सभी लोगों में पाई जा रही है, इसका मतलब ये है कि अगर किसी को डायबिटीज (शुगर) की बीमारी हो गई है, तो वो उसका जीवनभर पीछा नहीं छोड़ती है. खराब दिनचर्या और खानपान के चलते डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है. डायबिटीज को सिर्फ हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है.
डायबिटीज मरीजों को लेकर एक बड़ी रिसर्च सामने आई है. स्पोर्ट्स मेडिसिन की एक नई रिसर्च के मुताबिक, खाना खाने के बाद वॉकिंग करने से ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस किया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने सात अलग-अलग तरह के रिसर्च करने के बाद दावा किया है कि खड़े होने और चलने जैसी एक्सरसाइज से किस तरह इंसुलिन और ब्लड शुगर लेवल सहित हार्ट प्रभावित होता है. रिसर्च के बाद ये भी दावा किया गया कि लंच या डिनर के बाद लेटने या बैठने की बजाय छोटे डिस्टेंस के वॉकिंग करने चाहिए, जिससे शुगर को कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है.
साथ ही आपको बता दें कि जब भी आप कुछ खाते हैं तब खासतौर पर हाई कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ने लगता है, इसे पोस्टप्रांडियल स्पाइक के रूप में जाना जाता है. शरीर में ब्लड शुगर लेवल के अचानक बढ़ने से इंसुलिन नाम का हार्मोन रिलीज होता है, जो ग्लूकोज को खून के जरिए कोशिकाओं में भेजता है, ताकि इसका इस्तेमाल एनर्जी के लिए किया जा सके, इसको लेकिन ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन के बीच का यह बैलेंस काफी नाजुक होता है और कंट्रोल से बाहर भी हो सकता है और अगर शरीर में ब्लड शुगर लेवल में लगातार बहुत अधिक वृद्धि होती है तो कोशिकाएं इंसुलिन का जवाब देना बंद कर सकती हैं और इंसुलिन प्रतिरोधी बन सकती है, जो प्री डायबिटिक या टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है. ऐसे में इस नई स्टडी के ऑथर का कहना है कि अगर खाना खाने के बाद आप कुछ देर हल्की वॉक करते हैं तो इससे ब्लड शुगर का लेवल कम किया जा सकता है
लाइट एक्टिविटी से कर सकते हैं ब्लड प्रेशर कम
जब भी आप कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाते हैं तो बॉडी में अचानक से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है, जिससे अचानक इंसुलिन नाम का हार्मोन्स रिलीज होता है, जो ग्लूकोज को खून के जरिए कोशिकाओं में भेजता है, ताकि आपको एनर्जी मिल सके, लेकिन ब्लड शुगर और इंसुलिन के बीच का बैलेंस नाजुक होता है, जो कंट्रोल से बाहर हो सकता है.
साथ ही सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अगर शरीर में ब्लड शुगर लेवल ज्यादा तेजी से बढ़ता है तो इस स्थिति में कोशिकाएं इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देती हैं, जिससे आप टाइप 2 डॉयबिटीज के चपेट में आ सकते हैं, इसलिए स्टडी ऑथर सलाह देते हैं कि खाने के बाद वॉकिंग करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल का बॉडी में बैलेंस बना रहेगा.
इन तरीकों से भी कंट्रोल में रख सकते हैं ब्लड शुगर
डॉयबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसकी चपेट में आना आसान है. आपको अगर शुगर की समस्या है तो ब्लड शुगर को मेंटेन करना बहुत जरूरी है. इसका समय पर इलाज या कंट्रोल करने की कोशिश नहीं करेंगे तो स्ट्रोक, हार्ट अटैक, विजन लॉस जैसी समस्या हो सकती हैं. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के लिए हेल्थ प्रोग्राम की वाइस प्रेजिडेंट लॉरा हीरोनिमस का कहना है कि ब्लड शुगर मेंटेन रखने से एनर्जी लेवल भी बूस्ट होता है. सीडीसी के मुताबिक पूरे दिन पौष्टिक फल और सब्जियों को खाने की सलाह दी जाती है.
सुबह बासी मुंह चबाएं ये 5 तरह के पत्ते
जैतून के पत्ते
जैतून के पत्ते टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं. साल 2013 के एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 46 मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को जैतून के पत्ते का सुबह खाली पेट सेवन करने को कहा. शोधकर्ताओं ने पाया कि 12 सप्ताह के बाद जैतून के पत्ते का सेवन करने वाले लोगों में इंसुलिन रेसिस्टेंट में काफी हद तक सुधार हुआ है.
तुलसी के पत्ते
साल 2019 में चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि तुलसी के पत्तों से निकलने वाले अर्क में ब्लड शुगर लेवल कम करने की क्षमता है. परिणामों ने यह भी सुझाव दिया कि तुलसी के पत्ते हाई ब्लड शुगर के दीर्घकालिक प्रभावों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं.
गुड़मार के पत्ते
भारत में पाई जाने वाली इस जड़ी बूटी को ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए जाना जाता है. साल 2013 के एक शोध के अनुसार टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इसके सेवन से काफी सुधार देखे गए हैं. टाइप 1 डायबिटीज वाले लोग, जिन्होंने 18 महीनों के लिए इसके पत्तों का अर्क लिया उनमें इंसुलिन लेने वालों की तुलना में ब्लड शुगर लेवल में काफी गिरावट आई.
स्टेविया या मीठी तुलसी
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, स्टेविया डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद पौधा है. साल 2018 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि इन मरीजों ने मीठी तुलसी का सेवन किया था, उनका ब्लड शुगर लेवल एक से दो घंटे में कम होना शुरू हो गया था.
शलजम के पत्ते
शलजम के साग में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो रोजाना का 1 कप में 5 ग्राम प्रदान करता है. अध्ययनों से पता चला है कि टाइप 1 डायबिटीज वाले लोग जो फाइबर का सेवन करते हैं, उनमें ब्लड शुगर लेवल कम रहता है. टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर, लिपिड और इंसुलिन के लेवल में सुधार हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE Rajasthan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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