Bagru: श्री श्री 1008 साकेतवासी श्री लक्ष्मण दास महाराज और श्री श्री 108 श्री श्याम दास महाराज की अनुकंपा से सावां की बगीची बालाजी मंदिर के महंत 
श्री श्री 108 श्री पुरुषोत्तम दास महात्यागी महाराज मंदिर परिसर में विगत चार माह से कोट धूणी तपस्या कर रहे है. कोट धूणी तपस्या का आयोजन जनकल्याण की कामना से किया जा रहा है. अभी ताजा तापमान 42 से 45 डिग्री का हो रहा. इसी बीच अग्नि तपस्या कर महाराज जनकल्याण के लिये तपस्या कर रहे हैं. 


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महंत पुरुषोत्तम दास ने बताया कि इस कोट धूणी तपस्या का शुभारंभ माघ शुक्ल बसंत पंचमी को किया गया था. जनकल्याण की कामना से किए जाने वाले इस हवन यज्ञ की परंपरा संत समाज में सदियों से चली आ रही है. 


महात्यागी संत समाज के हर संत को जीवन में 18 वर्षो तक प्रत्येक वर्ष चार माह तक यह तप करना होता है, जिसकी शुरुआत पंच अग्नि तप से होती है और 18वें वर्ष में खप्पर तप से पूर्णाहुति होती है. 


हालांकि महंत पुरुषोत्तम दास महाराज अपनी 18 वर्ष की तपस्या पूर्ण कर चुके है, लेकिन जनकल्याण की भावना और अपने गुरु की आज्ञा से जब तक शरीर में सामर्थ्य है तब तक इस तपस्या को निरंतर जारी रखने का प्रण किया है. 


महाराज के सेवक पार्षद गिर्राज चौधरी ने बताया कि माघ शुक्ल बसंत पंचमी से लेकर आज तक महाराज की ओर से प्रतिदिन भरी दुपहरी में चारो ओर अग्नि प्रज्वलित कर जनकल्याण की भावना से कोट धूणी तपस्या की जा रही है. 


भीषण गर्मी में नौतपा के दौरान में भी कोट धूणी तपस्या निर्बाध रूप से जारी रही. महंत पुरुषोत्तम दास महाराज ने कहा कि मानव कल्याण के लिए तपस्या करना हर संत का परम धर्म है. कोट धूणी हवन का समापन ज्येष्ठ शुक्ल गंगा दशमी को श्रीराम अरचा महायज्ञ में पूर्णाहुति के साथ होगा. 


Reporter- Amit Yadav 


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