Jaipur: राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) में घुड़सवारी (Horse riding) और घोड़ों की देखभाल पर विशेषज्ञ ने सवाल उठाए तो पुलिस ने गोलमाल जवाब दे दिए. गृह विभाग ने पुलिस में घुड़सवारी सुविधा के संदर्भ में विशेषज्ञ के सवालों को लेकर बैठक भी बुला ली हालांकि बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया. पुलिस के जवाब देने के बावजूद कई सवाल अब भी अनुत्तरित ही हैं.


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राजस्थान पुलिस में घुड़सवार पुलिस का अपना रुतबा है. घुड़सवार पुलिस जहां फील्ड में कानून व्यवस्था बनाए रखने में काम आती है, वहीं, विभिन्न राष्ट्रीय घुड़सवारी योग्यताओं में मेडल जीतकर राजस्थान का नाम रोशन कर रही है. घुड़सवारी प्रतियोगिता और गश्त के लिए अलग-अलग श्रेणी की सुविधाएं जरूरी मानी जाती हैं. 


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जयपुर शहर निवासी मनोज चौधरी (Manoj Choudhary) ने राजस्थान पुलिस अकादमी में घुड़सवार पुलिस की ट्रेनिंग और सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा. इस पर गृह विभाग की ओर से हाल ही में वर्चुअल मीटिंग आयोजित कर विचार विमर्श किया गया. 


मुख्य बिंदु
- घुड़सवार को उत्कृष्ट बनाने के लिए इक्वेशन कोर्स जरूरी होता है, जो राजस्थान पुलिस अकादमी में नहीं है.
- राजस्थान की घुड़सवार पुलिस में खिलाड़ियों के लिए कोटा नहीं है. यदि घुड़सवारी प्रतियोगिता में शामिल खिलाडी पुलिस में भर्ती होंगे तो उसका फायदा मिलेगा.
- आरती रिसाला में घोड़ों को बेहतर देखभाल के लिए अस्तबल उत्तम स्थाई डॉक्टर या कंपाउंडर नहीं है.
- घोड़ों के खुरों की ट्रिमिंग, संतुलन व बेहतर फेरियर की भर्ती जरूरी है.
- मनोज चौधरी ने आरपीए में घुड़सवारी व्यवस्था को लेकर कई अन्य सवाल उठाए हैं.


राजस्थान पुलिस ने कई प्रतियोगिताओं में राजस्थान का नाम रोशन किया
दूसरी ओर पुलिस ने आरपीए में घुड़सवार पुलिस की ट्रेनिंग, घोड़ों की देखभाल, स्वास्थ्य सहित किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं बताई. पुलिस अधिकारी ने कहा कि राजस्थान पुलिस ने कई प्रतियोगिताओं में राजस्थान का नाम रोशन किया है. पिछले साल हरियाणा में 38वीं अखिल भारतीय पुलिस घुड़सवारी प्रतियोगिता एवं माउन्टेड पुलिस ड्यूटी मीट-2019 में राजस्थान पुलिस घुड़सवारी टीम ने विभिन्न प्रतित्पद्धाओं में पांच ट्रॉफी एवं तीन विशिष्ट ट्रॉफी सहित कुल आठ ट्रॉफी व पाच स्वर्ण तीन रजत तीन कास्य सहित कुल 11 पदक प्राप्त किए. हालांकि पुलिस अधिकारियों ने सुविधाओं में वित्तीय कमो की बात भी स्वीकार की, लेकिन नियमों का हवाला देकर लाचारी भी जताई है. 


घुड़साला में प्रशिक्षणार्थियों को घुड़सवारी का प्रशिक्षण दिया जाता 
- राजस्थान पुलिस में विशेष घोड़े खरीदने का सवाल उठा तो जवाब दिया की पुलिस में समिति की करती है घोड़ों की खरीद. 
- RVC मेरठ में घुड़सवारी कोर्स के लिए नॉमिनेशन BPR & D के माध्यम से करवाया जाता है. PHQ ने कोर्स आवंटन के लिए वैकेंसी मिलने की संभावना है
- घोड़ों की देखभाल एवं परामर्श हेतु एक वरिष्ठ पशु चिकित्सक को अस्थाई रूप से मनोनीत किया गया है. इस व्यवस्था में अभी तक किसी प्रकार की असुविधा महसूस नहीं की गई है.
-  घुड़सवारी में नालबंदी कोर्स दो कॉन्स्टेबल को करवाया गया था किंतु वांछित स्तर की दक्षता नहीं होने के कारण इन्हें जिलों में ही पदस्थापित कर दिया गया. वर्तमान में इस संस्थान में प्राइवेट नालबंद की आवश्यकतानुसार सेवाएं ली जाती है. 
- राजस्थान पुलिस अकादमी जयपुर के घोड़े एवं घुड़सवारों के द्वारा सिविल पेट्रोलिंग नहीं करवाई जाती है. घुड़साला में प्रशिक्षणार्थियों को घुड़सवारी का प्रशिक्षण दिया जाता है. 
- पेट्रोलिंग के लिए घोड़ों का इस्तेमाल जिला पुलिस लाइन / पुलिस आयुक्तालय के रिसाला से किया जाता है.
- घुड़सवारों के खेल प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर बाहर से कोच व विशेषज्ञ बुलाकर प्रशिक्षण दिलाया जाता है.
- स्थाई तौर पर घुड़सवार प्रशिक्षक नियुक्त नहीं है. सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण भी स्थाई कोच लगाया जाना संभव नहीं हो पाया.
- RPA में कुछ कारणों से आज तक Warm blood Hanoveina घोड़ों की आवश्यकता महसूस नहीं की गई फिर इस ब्रीड के घोड़े सामान्य घोड़ों से तीन-चार गुना महंगे मूल्य पर भी सीमित संख्या में ही उपलब्ध होते हैं. 
- भारत में सिर्फ सेना घोड़ा बीडिंग फार्म ही इन घोड़ों की ब्रीडिंग करता है. आयात करने पर और भी अधिक महगे हो सकते हैं.
-  वर्तमान में घोड़े को वस्तु समझकर ही अनुपयोगी घोषित कर नियमानुसार ऑक्सन करने का प्रावधान है. 
-  अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए टीम तैयार करने के लिए उस स्तर का ग्राउण्ड व ऑब्सटेकल इत्यादि बनाने के लिए लगभग 1 करोड़ की आवश्यकता होगी .
- घोड़े खरीदने के लिए लगभग 50 लाख रुपये तथा कोच व अन्य खर्चे इत्यादि के लिए भी 20 लाख रूपये की एक मुश्त आवश्यकता होगी.