मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंथन, गांधी दर्शन को बताया सार्वभौमिक
मानवाधिकारों को लेकर राजधानी जयपुर में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंथन हुआ. कार्यक्रम के दौरान देश विदेश से आए प्रतिनिधियों ने गांधी दर्शन और उनके सिद्धांतों को सार्वभौमिक बताया.
जयपुर: मानवाधिकारों को लेकर राजधानी जयपुर में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंथन हुआ. कार्यक्रम के दौरान देश विदेश से आए प्रतिनिधियों ने गांधी दर्शन और उनके सिद्धांतों को सार्वभौमिक बताया. साथ ही मानव अधिकारों के संरक्षण और उन्नयन को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई .
राज्य मानवाधिकार आयोग के सहयोग और विधानसभा, संसदीय लोकतंत्र शोध और प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से एम आई रोड स्थित एक होटल में 36वां प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में भारत के साथ 17 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यक्रम में बांग्लादेश, कंबोडिया, गांबिया, घाना, गोनिया, ईराक, कजाकिस्तान , मेसेडोनिया, मालद्वीप, म्यांमार, नेपाल, सेशल्स, श्रीलंका , तजाकिस्तान,तंजानिया, उरुग्वे और जिम्बाब्वे से भी प्रतिनिधि शामिल हुए. इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग और अन्य महकमों के आलाधिकरी भी मौजूद रहे.
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गांधी केवल भारत के राष्ट्रपिता नहीं बल्कि फादर ऑफ ग्लोबल
कार्यक्रम में मानवाधिकार के साथ ही गांधी दर्शन और उनके विचारों पर विमर्श हुआ.अफ्रीका से आई प्रतिनिधि ने कहा कि महात्मा गांधी केवल भारत के राष्ट्रपिता नहीं बल्कि फादर ऑफ ग्लोबल हैं. गांधी के सिद्धांतों के कारण ही आज अफ्रीका में शांति हो रही है. वहीं इंडोनेशिया से आई प्रतिनिधि ने कहा कि गांधी की विचारधारा पर उनके देश के लोग भी विश्वास करते हैं. वहीं प्रो बीएम शर्मा और संजय लोढ़ा ने गांधी दर्शन को सामने रखते हुए कहा कि गांधीजी की विचारधारा आज भी प्रासंगिक है. उनका पालन किया जाए तो न केवल भारत बल्कि विश्व में शांति रह सकती है.
चिरंजीवि-इंदिरा रसोई योजना मानवाधिकार का उदाहरण
राज्य मानवाधिकार आयेाग अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने जीवन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ,''अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बारे में भी बताया. साथ ही उन्होंने मानव अधिकारों के उल्लंघन को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा-'' सरकार का यह कर्तव्य है कि वह मानव के अधिकारों को संरक्षित करें. सभी देशों में नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, इन्हें किस तरह से बचाया जा सकता है. जस्टिस व्यास ने कहा कि राजस्थान में राज्य सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है. राज्य सरकार ने चिरंजीवी योजना और इंद्रा रसोई योजना जैसी बेहतरीन योजना चलाई हैं . चिरंजीवी योजना में गरीबों को गंभीर बीमारियों में बेहतर इलाज मिल रहा है, वहीं इंदिरा रसोई में मजदूर आदि आठ रूपए में भरपेट भोजन मिल रहा है. इससे बडा मानवाधिकार का कोई उदाहरहण नहीं हो सकता है.
पुलिस प्रताड़ना के मामले में नहीं होती कार्रवाई - जस्टिस व्यास
जस्टिस व्यास ने कहा कि मानवाधिकार आयोग का काम अनुशंषा करना है, उसकी पालना के लिए कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी बिठाने चाहिए. आयोग मीडिया के साथ शिकायत और स्व प्रेरित प्रसंज्ञान लेता है और कार्रवाई की अनुशंषा करता है. जस्टिस व्यास ने कहा कि सब मामलों में सही है, लेकिन अक्सर पुलिस प्रताड़ना के मामले में सुनवाई नहीं हो पा रही है.