Biggest highway robbery: शनिवार को सरकारी टकसाल से 500 रुपये के नए नोट के 1550.65 नोटों के गायब होने की खबर से देश के आर्थिक क्षेत्र में खलबली मचा दी. इस पर नया अपडेट सामने आया है, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि  आरटीआई कार्यकर्ता ने विभिन्न प्रेसों से छपे नोटों पर  सरकारी टक्सालों  से आरटीआई के तहत जवाब मांगा था. जिसपर  कुछ ने सिर्फ नई सीरीज का विवरण दिया तो कुछ ने पुरानी और नई दोनों सीरीज का एक साथ विवरण दिया. आवेदक ने प्राप्त हुए आंकड़ों को नई श्रृंखला माना.  इसके बाद उन्होंने आरबीआई के जरिए प्रकाशित आंकड़ों से तुलना की है, जो सिर्फ नई सीरीज के हैं.इसलिए उनका गणित गलत है, सवाल गलत हैं और धारणाएं गलत हैं.


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बता दें की बीते शनिवार को एक आरटीआई कार्यकर्ता के जरिए एक सरकारी टक्साल में छपे पुराने और नए 500 रू के नोटों का विवरण मांगा. जिसकी जानकारी मिलने के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक सवालिया  निशानों पर है. इन निशानं को लेकर ही उसे उपरोक्त कथन को जारी किया हा. 


 सरकारी टकसाल ने 500 रुपये के नए नोट के 8,810.65 मिलियन टुकड़े छापे, लेकिन आरबीआई को केवल 7260 मिलियन ही मिले हैं.ट्रांजिट में 500 रुपये के 1550 मिलियन से अधिक नोट गायब हैं.अप्रैल 15-मार्च 16 के बीच नासिक मिंट द्वारा मुद्रित 210M टुकड़े जोड़ें और चौंका देने वाला रु88,000 करोड़ गायब हैं.


 


 विपक्ष के नेता अजीत पवार ने आरोप लगाया है कि नासिक, देवास और बेंगलुरु में केंद्र सरकार के चलन प्रिंटिंग प्रेस से 500 रुपये के अरबों के नोट गायब हो गए हैं. 2016 में नोट फैक्ट्री में नोट छापे गए. लेकिन वे सरकार के खजाने में नहीं पहुंचे, उन्होंने एक अखबार के संदर्भ में आरोप लगाया.


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छपे हुए नोटों में से 7,260 करोड़ नोट रिजर्व बैंक के पास पहुंच गए.
लिहाजा प्रिंटिंग प्रेस से 176.1 करोड़ नोट आरबीआई के पास नहीं पहुंचे हैं.
गायब हुए 500 रुपये के सभी नोट नए डिजाइन के हैं.
इन नोटों की कुल कीमत 88 हजार करोड़ रुपए है.
बताया जाता है कि सूचना के अधिकार में नोटों के गायब होने की हकीकत सामने आ गई है.


नोट करेंसी नोट प्रेस नासिक, बैंक नोट प्रेस देवास और इंडियन रिजर्व बैंक नोट मुद्रांक प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर में छापे जाते हैं. रिजर्व बैंक के जरिए इन नोटों को देश भर में बांटा जाता है.लेकिन अजीत पवार ने आरोप लगाया है कि नोट गायब हो गए हैं


इसे किसने लूटा


एक तरफ केंद्र सरकार काले धन का पता लगाने के लिए हाथ-पांव मार रही है. इसके लिए सरकार ने नोटबंदी का अहम फैसला भी लिया. हाल ही में रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के गुलाबी नोट को चलन से हटाने का फैसला किया.लेकिन यह बेहद गंभीर मामला है कि प्रिंटिंग प्रेस में छपे अरबों रुपये के 500 रुपये के नोट गायब हो गए. कहां गए ये नोट? इसे किसने लूटा? और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? सरकार को इसका खुलासा करना चाहिए.


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