Jaipur News: पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने 13 वर्षीय पीड़िता के साथ ज्यादती करने वाले अभियुक्त सुरेन्द्र कुमार को बीस साल की सजा से दंडित किया है. इसके साथ ही अदालत ने सोडाला निवासी इस अभियुक्त पर 55 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता के घर में जबरन प्रवेश कर उसके प्राइवेट पार्ट को क्षति पहुंचाते हुए छेड़छाड़ की है. ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.


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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पीड़िता की मामी ने 1 दिसंबर, 2020 को महेश नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि दिन में वह और उसके पति काम पर गए हुए थे. इस दौरान उसकी 13 साल की भांजी उसके घर पर बच्चों के साथ थी, इतने में मौका पाकर अभियुक्त वहां आ गया और पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में हाथ डाला व मारपीट करने लगा.


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तभी पीड़िता के मामा अचानक घर लौट आए और पीड़िता को अभियुक्त के चंगुल से छुड़ाया. वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में जबरन फंसाया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए उसे सजा सुनाई है.


जयपुर: रिश्वत मामले में आरपीएफ के निरीक्षक सहित तीन को सजा


जयपुर एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रेलवे टिकट की दलाली को लेकर दर्ज प्रकरण को रफा दफा करने की एवज में पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में आरपीएफ के तत्कालीन निरीक्षक कैलाश चंद और सिपाही जगवीर व सांवरमल मीणा को एक-एक साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर पन्द्रह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.


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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि सीकर के रानोली निवासी चिरंजीलाल शर्मा ने 25 जुलाई, 2007 को एसीबी, सीकर में रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में बताया गया कि वह एलआईसी एजेंट है और किस्त लेने जयपुर गया था. इस दौरान उसके और उसके भाई पर रेलवे टिकट की दलाली का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई. ऐसे में अपना पक्ष रखने आरपीएफ, रींगस गया. जहां केस रफा दफा करने की एवज में आरपीएफ निरीक्षक को पांच हजार रुपए की बात कही गई.


इस दौरान सत्यापन के दौरान आरपीएफ निरीक्षक कैलाश चंद के कहने पर सिपाही जगवीर सिंह ने दो हजार रुपए लिए. वहीं बाद में ट्रेप कार्रवाई के दौरान कैलाश चंद के कहने पर सांवरमल ने तीन हजार रुपए लिए. इस पर एसीबी ने प्रकरण में तीनों अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.