Jaipur News: सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एक युवक के पेट से जांघ में फैले बड़े ट्यूमर को बाहर निकाला गया है. डॉक्टरों का कहना है कि ये केस अपने आप में एक यूनिक है और ऐसा पहली बार देखने को मिला है. इसे देखते हुए डॉक्टरों ने इस केस को इंटरनेशन जनरल में पब्लिश होने के लिए भेजने का फैसला किया है. इसके साथ ही गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज करवाने के लिए इसे क्लेम किया गया है. डॉक्टरों का दावा है कि इससे पहले पूरे वर्ल्ड में कभी मनुष्य के शरीर में इस तरह ट्यूमर नहीं निकला है.


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एसएमएस में इस ट्यूमर को निकालने वाले ऑन्कोलॉजी सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर सुरेश सिंह ने बताया कि जिस मरीज का ऑपरेशन किया गया उसका नाम आकाश है और झालावाड़ का रहने वाला है. वह खुद एमबीबीएस का स्टूडेंट है और कजाकिस्तान में पढ़ाई करता है. पेट दर्द की तकलीफ के कारण आकाश इंडिया वापस आया और यहां उसने दिखाया. इन्वेस्टिगेशन करवाने के बाद पेट में बड़ा ट्यूमर डिटेक्ट हुआ, जिसके बाद उसे सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की यूनिट में भर्ती करवाया.


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डॉक्टरों का दावा है कि जो ट्यूमर इस मरीज के शरीर से निकला है, इतना बड़ा ट्यूमर पहले कभी शायद किसी मरीज के पेट से नहीं निकला है. डॉक्टरों का कहना है कि अब तक जितने भी बड़े ट्यूमर निकले हैं, वह एक फुटबॉल की तरह होते है, जिसमें लिक्विड भरा होता है, जिन्हें पंक्चर करने के बाद निकाला जाता है. लेकिन ये ट्यूमर बिल्कुल गठीला है, जिसके कारण इसे शरीर से बाहर निकालना बड़ा मुश्किल था.


10 किलो निकला वजन
34 सेटीमीटर लम्बाई वाले इस ट्यूमर का साइज बहुत बड़ा होने के कारण ऑपरेशन करना बहुत जटिल काम था क्योंकि इस ट्यूमर के साथ शरीर की कई मुख्य वैन (धमनियां) प्रभावित हो रही थी. इस कारण ऑपरेशन सीटीवीएस (कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी) डिपार्टमेंट के डॉक्टरों के सहयोग से किया. इस ऑपरेशन को करने में 5 घंटे से ज्यादा का समय लगा. ऑपरेशन के बाद जब ट्यूमर शरीर से बाहर निकाला गया तो उसका वजन 10 किलो निकला. पेट से लेकर जांघ तक इस तरह का गठीला ट्यूमर पहली बार किसी मरीज के शरीर से निकाला है.


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सांस में लेने और खाने में होने लगी तकलीफ
डॉक्टर सुरेश सिंह ने बताया कि मरीज के जो ट्यूमर निकला है, वह उसे दर्द नहीं दे रहा था. लेकिन उसकी साइज इतनी बढ़ गई की बाद में उस मरीज को खाने-पीने में तकलीफ शुरू हो गई. इसके अलावा लिवर और लंग्स पर भी ट्यूमर का प्रेशर बढ़ने लगा, जिससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगी. इसके बाद मरीज इसे दिखाने हॉस्पिटल पहुंचा. उन्होंने बताया कि इस तरह के ट्यूमर को स्वानोमा ट्यूमर कहते है. उन्होंने बताया कि इस ट्यूमर को निकालने के लिए मरीज के शरीर में दो बड़े चीरे लगाने पड़े. एक चीरे करीब 30 सेमी. लम्बा छाती से शुरू करके पूरे पेट को कवर करते हुए नीचे तक लगाना पड़ा, जबकि दूसरा करीब 12 सेमी. का चीरा उसकी जांघ के पास लगाना पड़ा. इस पूरे चीरे को वापस बंद करने के लिए 50 से ज्यादा टांके लगाने पड़े.