नई सौगात वाला साल ! वर्ष 2024 में जयपुर एयरपोर्ट को मिली कई सौगातें, बढ़ी सुविधाएं
Rajasthan News: वर्ष 2024 का समापन होने जा रहा है. जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिहाज से बात करें, तो यह साल एयरपोर्ट के लिए नई सौगातों वाला साल साबित हुआ है. एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों को टर्मिनल-1 का संचालन शुरू होने से 11 साल बाद नई सौगात मिली है तो रनवे क्षेत्र में कई नए अपग्रेडेशन से विमानन सेवाओं में सुधार हुआ है. क्या बदलाव हुए वर्ष 2024 में, पढ़िए यह खास रिपोर्ट-
Rajasthan News: जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए वर्ष 2024 कई मायनों में उल्लेखनीय रहा है. एयरपोर्ट पर लगातार हो रहे नए विकास कार्यों से हवाई यात्रा का अनुभव बेहतर हो रहा है, वहीं नई तकनीक जोड़े जाने से विमान संचालन तकनीक में भी सुधार हो रहा है. वर्ष 2024 में सबसे बड़ी उपलब्धि टर्मिनल-1 का फिर से शुरू होना रहा है. नया टर्मिनल हेरिटेज लुक के साथ बनाया गया है, जहां से 27 अक्टूबर से इंटरनेशनल फ्लाइट्स का संचालन शुरू कर दिया गया है. अब एयरपोर्ट के दोनों टर्मिनल भवन की कुल यात्री क्षमता 60 लाख सालाना हो गई है.
वर्तमान में जयपुर एयरपोर्ट से रोजाना औसतन 71 फ्लाइट संचालित हो रही हैं और जयपुर एयरपोर्ट 5 विदेशी शहरों के साथ ही 26 घरेलू शहरों के लिए फ्लाइट संचालित कर रहा है. यात्रीभार के लिहाज से जयपुर एयरपोर्ट पर वर्ष 2024 में 8 फीसदी की और एयर ट्रैफिक के लिहाज से 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. नवंबर 2024 में 5 लाख 57 हजार यात्रियों ने एयरपोर्ट से यात्रा की है, जो कि एयरपोर्ट के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक यात्रीभार रहा है. डीजीसीए की अनुमति से एयरपोर्ट पर रनवे के पैरेलल टैक्सी ट्रैक शुरू किया गया है, जिससे फ्लाइट्स के संचालन में समय की बचत हो रही है. जयपुर एयरपोर्ट वर्ष 2024 में देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जहां पर ऑटोमेटिक वैदर ऑब्जर्विंग सिस्टम लगाया गया है. इससे मौसम का रियल टाइम डाटा उपलब्ध रहता है और विमान संचालन में सुगमता रहती है.
ये नए बदलाव हुए लागू
रनवे का नया नामकरण हुआ, 9-27 से बदलकर अब रनवे 8-26 हुआ. बैक अप एयर ऑपरेशन कमांड सेंटर शुरू किया गया. वर्ष 2024 में 2952 नॉन शेड्यूल्ड यानी चार्टर फ्लाइट संचालन हुआ. टर्मिनल-2 पर डिपार्चर व अराइवल में स्वचालित स्टेयर लिफ्ट शुरू की गई. डिपार्चर में 12 नए चेक इन काउंटर, नया लाउंज शुरू किया गया. कार पार्किंग क्षमता बढ़ाकर 600 की गई, वैलेट पार्किंग सुविधा शुरू. एयरपोर्ट पर 100 प्रतिशत डिजी यात्रा की शुरुआत की गई. एयरपोर्ट पर एंट्री गेट, प्री एसएचए और बोर्डिंग गेट पर डिजी यात्रा सुविधा, यात्रियों के टर्मिनल भवन में घुसने के महज 10 से 15 मिनट में बोर्डिंग संभव, टर्मिनल-1 और टर्मिनल-2 पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली शुरू हुआ. वाहन की नंबर प्लेट, आगमन, वाहन की फोटो व अन्य जानकारी मिल रही है. वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से 15.66 लाख किलोवाट बिजली की बचत हुई.
जयपुर एयरपोर्ट पर टर्मिनल-1 की शुरुआत के साथ ही जयपुर से इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है. पूर्व में एतिहाद एयरवेज अबू धाबी के लिए केवल एक फ्लाइट संचालित कर रही थी, जबकि अब जयपुर से अबू धाबी के लिए 2 फ्लाइट चलने लगी है. एयर एशिया की जयपुर से बैंकॉक और कुआलालंपुर के लिए फ्लाइट उपलब्ध हैं. एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 पर 2 अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त एम्बुलेंस भी लगाई गई हैं, जिनमें ऑटोमेटिक स्ट्रेचर लोडिंग सुविधा भी है. एयरपोर्ट बिल्डिंग में गर्मियों के दौरान कूलिंग क्षमता को बेहतर करने के लिए 11 केवी एचटी 800 चिलिंग प्लांट भी लगाए गए हैं. यात्रियों के लिए टोकन वाई-फाई डिस्पेंसर मशीन भी लगाई गई है, जहां से अंतरराष्ट्रीय यात्री वाई-फाई सुविधा का उपयोग कर सकते हैं.
जयपुर एयरपोर्ट की यह भी उपलब्धि
जयपुर एयरपोर्ट टर्मिनल-2 के ग्राउंड फ्लोर पर नए विकास कार्य कराए गए. यहां नए वॉशरूम शुरू करने के साथ ही यात्रियों के वेटिंग एरिया में सीट बढ़ाई गई. एयरलाइंस ऑफिस को पोर्च एरिया में शिफ्ट करने से टिकट बुकिंग आसान हुई. एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल के ACI लेवल 2 का एक्रिडिटेशन मिला.
खामियां क्या-क्या ?
एयरपोर्ट पर ग्राउंड फ्लोर के बोर्डिंग गेट के पास सिटिंग एरिया की कमी. SHA एरिया में यात्रियों के लिए वॉशरूम की कमी, यात्रियों की लगती कतारें. पोर्च में लगने वाला जाम बड़ी समस्या, लेन कम करने से दिक्कत हुई. पोर्च में यात्रियों को लगेज उतारने-चढ़ाने में सिक्योरिटी स्टाफ दुर्व्यवहार करता. टर्मिनल-3 के निर्माण में हो रही देरी से यात्रियों के लिए दिक्कतें बढ़ रही है. रनवे के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में नए एप्रन विकसित किए जाने की जरूरत है.
हालांकि, इन उपलब्धियों के बीच वर्ष 2024 में आधा दर्जन से अधिक बार ऐसा हुआ जब एयरपोर्ट पर बम धमाकों की धमकी दी गई. हालांकि, पूरे साल किसी तरह की कोई अनहोनी घटना तो नहीं हुई, लेकिन इस कारण एयरलाइंस स्टाफ, यात्रियों और सीआईएसएफ की मशक्कत जरूर हुई. बम धमाके की धमकियों के चलते एयरपोर्ट प्रशासन को बार-बार सुरक्षा चेकिंग करनी पड़ी, इससे सीआईएसएफ के लिए सर्च ऑपरेशन में समय बर्बाद हुआ. इसी तरह मानसून के दौरान करीब दर्जनभर बार एयरपोर्ट के पोर्च में पानी भरने के चलते यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
रिपोर्टर- काशीराम चौधरी
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