Jaipur News: जयपुर में वाल्मीकि सफाई कर्मचारियों की झाड़ू डाउन हड़ताल ने शहर की सफाई व्यवस्था को डाउन कर दिया है. आज जयपुर में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का पांचवा दिन है. राजधानी की सड़कों पर जहां-तहां कचरा फैला हुआ है. 


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बारिश के कारण ये कचरा और फैल जाता है. सड़ रहे कचरे से दुर्गंध आ रही है, जिससे राहगीरों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है. बारिश के मौसम में इस तरह से कचरा पसरा होने से कई बीमारियां फैलने की भी आशंका है.  यही हालात आने वाले कितने दिनों तक रहेंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता.



इसका कारण है सफाई कर्मियों की अनिश्चितकालीन झाड़ू डाउन हड़ताल. संयुक्त वाल्मीकी सफाई श्रमिक संघ की मांग है कि सफाई कर्मचारी भर्ती मस्टररोल के आधार पर हो. पांच दिन से ना तो सडकों पर झाडू निकल रही हैं ना ही घर-घर कचरा संग्रहण और ना ही सडकों पर लगे कचरे के ढेर उठ रहे हैं.  इसमें मूक पशुओं के मुंह मारने से कचरा इधर-उधर बिखरा होने से दुर्गंध भरा माहौल हो रखा है.


दोनों नगर निगम में करीब 2100 सफाई कर्मचारी ऐसे है, जो वाल्मीकी समाज से होकर दूसरे समाज से है. इन कर्मचारियों ने खुद को इस आंदोलन से पूरी तरह दूर रखा है.  ये कर्मचारी अपने काम करने में जुटे हुए है हालांकि कर्मचारियों की संख्या कम होने से सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं हैं. हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम की गैराज शाखा रात को यूनिट लगाकर अस्थायी कचरा डिपो उठा रहे हैं. 



राजधानी जयपुर में दोनों नगर निगम की गैराज शाखा 235 हूपर संचालित करती हैं. इनमें से ज्यादातर पर हेल्पर नहीं हैं. ऐसे में चालक ही सड़क किनारे लगे कचरे के ढेर उठा रहे हैं. वहीं 32 यूनिट (जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रॉली, डम्पर) कचरा उठाने में लगी हैं.