Rajasthan News: अब पटवारी को अपने पटवार मुख्यालय पर रहना होगा. अगर ऐसा नहीं किया, तो उनके खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने आदेश जारी किए. राजस्व विभाग के आदेश के बाद डबल चार्ज संभाल रहे पटवारियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


पटवारियों में असमंजस, करीब 4500 के पास डबल चार्ज
पटवारियों का कहना हैं कि डबल चार्ज वाले पटवारियों का मुख्यालय कौन सा होगा? संगठन के हिसाब से प्रदेश में 4500 पटवारियों के पद रिक्त हैं यानी इतने ही पटवार मंडलों का चार्ज दूसरे पटवारियों के पास है. इसे लेकर पटवारियों में असमंजस की स्थिति है. ऐसे पटवारी सप्ताह में तीन-तीन दोनों पटवार मंडलों में रुकने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि ऐसे पटवारियों के लिए सरकार के स्तर पर कोई नया आदेश आएगा, जिसमें ये तय किया जाए कि उन्हें किस पटवार मंडल में रुकना है.



वर्तमान में 8166 पटवारी ही कार्यरत
बता दें कि नई पॉलिसी के तहत प्रदेश में 48 राजस्व जिले हैं. अभी प्रदेश में पटवारियों के लिए कुल 12666 पद स्वीकृत हैं, जबकि वर्तमान में 8166 पटवारी ही कार्यरत हैं. बाकी के पद रिक्त हैं. राजस्व विभाग (ग्रुप-1) के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने पटवारियों को मुख्यालय पर रहने के आदेश जारी किए हैं. इसमें 25 नवंबर 2019 और 28 अक्टूबर 2022 को जारी हुए आदेशों का भी हवाला है. 



जन समस्या को देखते हुए नया आदेश जारी
आमजन की सुविधा के लिए सरकार ने सभी पटवारियों को उनके कार्यक्षेत्र वाली जगह पर रहने के आदेश दिए हैं. प्रमुख शासन सचिव राजस्व दिनेश कुमार ने जो आदेश जारी किया है, उसमें स्पष्ट लिखा है कि कई पटवारियों के बारे में शिकायत मिली है कि वो अपने मुख्यालय पर निवास नहीं करते हैं. इसके कारण आमजन और किसानों को अपने कार्य के लिए पटवारी का इंतजार करना पड़ता है या उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं. जन समस्या को देखते हुए नया आदेश जारी करना पड़ा है. 



ये भी पढ़ें- सामूहिक अवकाश पर उतरे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स, मरीजों को हो रही परेशानी


पटवारियों की मॉनिटरिंग करने के आदेश जारी
आदेश में कहा गया है कि नियमों में प्रावधान है कि पटवारी अपने क्षेत्र के उस गांव में निवास करेगा, जो कलेक्टर द्वारा इसका मुख्यालय नियुक्त किया गया है. एसडीएम को आदेशों की पालना सुनिश्चित करवाने और पटवारी को आवश्यक रूप से अपने मुख्यालय पर ठहरने के लिए पाबंद करने के साथ-साथ उसकी मॉनिटरिंग करने के आदेश जारी किए गए हैं. ऐसा नहीं करने पर पटवारी के खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं. ऐसे में अब पटवारी को अपने मुख्यालय पर रहना होगा, ताकि आमजन और किसानों के कार्य बाधित नहीं हो सके. 



ये भी पढ़ें- प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे नेत्रहीन छात्र ! भूखे मरने को हुए मजबूर