Jaipur news: आरजीएचएस यानि राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम को अब राजस्थान राज्य हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के अधीन तो कर दिया लेकिन आरजीएचएस के तहत मेडिकल स्टोर से मिल रही दवाईयां अब बंद सी हो गई है.  आरजीएचएस अधिकृत मेडिकल स्टोर संचालकों ने लंबे समय से भुगतान नहीं होने के कारण आरजीएचएस के जरिए दवाइयों की बिक्री को बंद कर दिया है. जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.


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 पिछले दो महीने से भुगतान नहीं
आरजीएचएस अधीकृत दवा विक्रेताओं की ओर से मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, सरकारी कर्मचारी, पेंशनर्स को दवाईयां उपलब्ध करवाई जाती है. लेकिन पिछले दो महीने से दवा विक्रेताओं को सरकार की ओर से भुगतान नहीं किए जाने के कारण दवा विक्रेता अब दवा नहीं दे रहे हैं.


3500 से ज्यादा मेडिकल स्टोर संचालकों की बैठक
 इसको लेकर प्रदेशभर के 3500 से ज्यादा मेडिकल स्टोर संचालकों की एक बैठक बुलाई. इसमें दवाइयों की सप्लाई बंद करने का निर्णय किया गया. इसके बाद सरकार के साथ वार्ता भी हुई लेकिन 15 दिन का ही भुगतान किया गया. महासंघ की ओर से जयपुर में कॉर्डिनेट कर रहे सचिन गोयल ने बताया कि सरकार जल्द भुगतान करें तो दवा विक्रेताओं को राहत मिले.


दवा विक्रेता काफी परेशान 
दवा विक्रेताओं ने बताया कि बिल पास करने वाली एजेंसी टीपीए से भी परेशानी है. टीपीए कई बिल बिना कोई कारण से रिजेक्ट कर देता है। वहीं कुछ ऐसी स्थिति भी बनती है कि कोई दवाई या इंजेक्शन 100 रुपए का है और टीपीए उसकी मंजूरी 30 या 40 रुपए ही कर रही है. इसको लेकर भी दवा विक्रेता काफी परेशान होते हैं.


संचालन का जिम्मा आरएसएचएए के अधीन
 वित्त बजट विभाग के शासन सचिव नरेश कुमार ठकराल ने हाल ही आदेश जारी कर इस योजना के संचालन का जिम्मा आरएसएचएए के अधीन किया है. योजना से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी आरएसएचएए मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दी गई है. 


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