Jaipur Crime News:राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर थाना इलाके में स्क्रैप कारोबारी से हुई लाखों रुपए की लूट की वारदात का आखिरकार पुलिस ने खुलासा कर दिया. पुलिस ने लूट की वारदात का पर्दाफाश करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी सुनिल महावर, मनोज कुमार और कर्मवीर मीणा से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने आरोपियों से लूटे गए 10 लाख रुपए भी बरामद किए हैं.


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मामले का खुलासा करते हुए डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा ने बताया कि 1 मार्च को विद्याधर नगर के धनश्री टावर से कारोबारी गर्व खंडेलवाल करीब 33 लाख रुपए बैग में लेकर बाहर निकल रहा था. इसी दौरान घात लगाए बैठे अज्ञात बदमाशों ने कारोबारी की आंखों में मिर्ची फेंकी और नकदी से भरा बैग लेकर फरार हो गए. 



पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और बदमाशों को चिन्हित किया. पुलिस टीमों ने आरोपी सुनिल महावर, मनोज कुमार और कर्मवीर मीणा को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 10 लाख रुपए बरामद किए हैं. पुलिस की मानें तो इन बदमाशों को कारोबारी द्वारा लाखों रुपए लाने—ले जाने की जानकारी थी. इस लूट की प्लानिंग गिरोह के सरगना के कैफे में बैठकर की गई और फिर प्लानिंग के तहत बैंक के सभी सदस्यों को अलग-अलग टास्क देकर लूट करवाई गई.



दरअसल पीड़ित व्यापारी गर्व खंडेलवाल काफी समय से आशीष पेड़ीवाल से राशि का लेनदेन कर रहा है. इसके बारे में लूट की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के सरगना संदीप सिंह को पहले से जानकारी थी. संदीप ने आशीष पेड़ीवाल के ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी सुनील महावर से नजदीकी बढ़ा उसे अपनी गैंग में शामिल किया. 


 


इसके बाद संदीप ने अपनी पूर्व परिचित कर्मवीर मीना, मनोज कुमावत, लोकेंद्र और विकास योगी को अपने विद्याधर नगर स्थित टिकटॉक कैफे पर बुलाकर लूट की रूपरेखा तैयार की. प्लानिंग के तहत 1 मार्च को सुनील ने संदीप को आशीष के पास से पीड़ित व्यापारी द्वारा राशि ले जाने की सूचना दी.



 जिस पर संदीप ने अपनी गैंग के साथी कर्मवीर, मनोज और विकास को लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए कहा. प्लानिंग के तहत कर्मवीर को पीड़ित से बैग लूटने, विकास को पीड़ित की आंखों में लाल मिर्च पाउडर डालने और मनोज को बाइक चलाने का टास्क दिया गया. 




इसके बाद तीनों बदमाशों ने मौके पर पहुंच लूट की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद झोटवाड़ा स्थित मनोज के कमरे पर जाकर संदीप, सुनील, संदीप, लोकेंद्र, विकास और मनोज ने लूटी हुई राशि आपस में बांट ली. लूट की राशि का अधिकांश हिस्सा गैंग के सरगना संदीप के पास रहा. इसके बाद आरोपी अपने घर से फरार हो गए और अलग-अलग स्थान पर नाम बदलकर फरारी काटने लगे. 


पुलिस ने ट्रेडिशनल पुलिसिंग और तकनीकी आधार पर सुनील, मनोज और कर्मवीर को गिरफ्तार कर लिया जिनके कब्जे से 10 लाख रुपए बरामद किए गए. गिरफ्त में आया आरोपी कर्मवीर मीणा निम्स यूनिवर्सिटी में बाउंसर का काम किया करता है. प्रकरण में फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.



लूट की वारदात का भले ही पुलिस ने खुलासा कर दिया हो लेकिन अभी भी गिरोह का सरगना और एक अन्य आरोपी फरार चल रहा है. जिसके पास लूटी गई 23 लाख रुपए की राशि मौजूद है. देखना होगा कि फरार चल रहे अन्य आरोपियों तक पुलिस कितना जल्द पहुंच पाती है. 


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