jaipur discom news: जयपुर डिस्काॅम के प्रबंध निदेशक आरएन कुमावत ने जयपुर डिस्कॉम के विधुत अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में राजस्व वसूली, बिजली की बकाया राशि की वसूली,राजकीय विभागों पर बकाया राशि, डिफेक्टिव मीटर्स की स्थिति, पीएचईडी व कृषि कनेक्शन जारी करने की अप्रैल माह तक हुई प्रगति की विस्तार से समीक्षा की. वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम सेे आयोजित बैठक में निदेशक तकनीकी व वित्त, संभागीय मुख्य अभियन्ता, मुख्य लेखा नियंत्रक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतर्कता और सभी 13 सर्किल के अधीक्षण अभियन्ता,अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता और कनिष्ठ अभियन्ता मौजूद रहे.


जयपुर डिस्काॅम के प्रबंध निदेशक ने ली विधुत अधिकारियों की बैठक


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रबन्ध निदेशक कुमावत ने सर्किलवार बिजली की बकाया राशि की वसूली की समीक्षा करते हुए कहा कि करीब 9 लाख उपभोक्ताओं पर पीडीसी का लगभग 1100 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है और इस बकाया राशि की वसूली के बारे में अभी तक जो कार्य हुआ है. इसके लिए सभी सर्किलों को विशेष प्रयास करने होंगे और आगामी 6 माह में पीडीसी के सभी प्रकरणों को समाप्त करना है. राजकीय विभागों पर बकाया लगभग 540 करोड़ रुपए राशि की वसूली की प्रगति पर नाराजगी प्रगट करते हुए निर्देश दिए कि नियमित व कटे हुए कनेक्शन पर बकाया राशि के प्रकरणों में यदि कोई उपभोक्ता निगम की बकाया राशि जमा नही कराता है तो उसे नियमानुसार नोटिस दिया जाए.


करीब 9 लाख उपभोक्ताओं पर पीडीसी का लगभग 1100 करोड़ रुपए बकाया


नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद  कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाए. कुमावत ने अप्रैल माह में हुई बैठक में प्रत्येक माह सौ फीसदी राजस्व वसूली करने के निर्देश दिए. लक्ष्य से कम वसूली वाले जयपुर सिटी सर्किल, दौसा सर्किल व टोंक सर्किल के अधीक्षण अभियन्ताओं को सख्त चेतावनी दी कि आगामी माह में स्थिति में सुधार आना चाहिए अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. इन सर्किलों की अप्रैल माह में राजस्व वसूली 91 से 93  प्रतिशत के बीच रही है, जोकि सौ फीसदी के लक्ष्य से बहुत कम है.


ये भी पढ़ें- किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री धारीवाल पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- 45 करोड़ की जमीन बांटे कौड़ियों के भाव


3 फेज व 1 फेज के डिफेक्टिव मीटर्स की स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि मीटर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और इनको आगामी माह तक बदल दिया जाए. उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही बरतने पर डिफेक्टिव मीटर की वजह से उपभोक्ता को दी जाने वाली रिबेट की वसूली सम्बन्धित डिस्काॅमकर्मी से की जाएगी. इसके साथ ही एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि जले हुए मीटर के मामले में यदि उपभोक्ता द्वारा मीटर की राशि जमा करा दी जाती है तो 24 घंटे में मीटर बदल दिया जाए और किसी कारणवश बदलना संभव नहीं हो तो सहायक अभियन्ता पवस द्वारा उसकी सप्लाई चालू करके रिकार्ड कर दिया जाए.


पीएचईडी व कृषि कनेक्शन जारी करने और लम्बित वीसीआर निस्तारण की समीक्षा


इसके बाद भी उस उपभोक्ता की वीसीआर भरने की कार्रवाई की जाएगी तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई होगी. पीएचईडी व कृषि कनेक्शन जारी करने और लम्बित वीसीआर निस्तारण के कार्य की भी समीक्षा की गई. जयपुर डिस्काॅम के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के समापन पर राजस्थान डिस्काॅम के अध्यक्ष भास्कर ए. सावंत ने भी अधिकारियों को मार्गदर्शन किया.


सावंत ने कहा कि जयपुर डिस्काॅम में कन्ज्यूमर इण्डेक्सिंग के लिए चिन्हित किए गए 40 सब-डिवीजनों के फीडर्स के उपभाक्ताओं की इण्डेक्सिंग का कार्य जल्द पूरा किया जाए, इसके साथ ही जिन उपभोक्ताओं को निगम ने बिजली सप्लाई की है चाहे वह राजकीय विभाग हो और अन्य उपभोक्ता उनसे राजस्व की वसूली की जाए और निगम द्वारा समय समय पर जारी किए जाने वाले आदेशों की पालना की जाए.