Jaipur: रेमडिसिवर इंजेक्शन को लेकर अस्पतालों में किल्लत आ गई है. रेमडेसिवीर इंजेक्शन के अंधाधुंध उपयोग पर संज्ञान लेते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट ने हर जिले में इसकी निगरानी के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. ये कमेटी प्रतिदिन बैठक करेगी और इसकी अनुशंसा पर ही निजी चिकित्सालयों को रेमडिसिविर (Remdesivir Injection) एवं टोसिलीजुमेब दी जाएगी.


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समिति प्रतिदिन करेगी बैठक
कोरोना संक्रमण के चलते शहर की चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी ना हो और मरीजों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन आसानी से मिल सके. इसके लिए जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने निजी चिकित्सालयों को कोविड-19 के उपचार के लिए रेमडेसिवीर और टोसिलीजुमेब को न्यायोचित आवश्यकता, उपयोगिता और उपलब्धता के आधार पर उपलब्ध करवाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. 


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इस कमेटी के सदस्य आपस में समन्वय रखते हुए प्रतिदिन शहर के विभिन्न निजी चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों की आवश्यकता के अनुसार रेमडेसिवीर एवं टोसिलीजुमेब औषधि वितरण का कार्य करेंगे. नेहरा ने बताया कि इस संबंध में शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से निर्देश प्राप्त हुए थे.


जानकारी के अनुसार, जयपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम डॉ.नरोत्तम शर्मा, सवाई मानसिंह चिकित्सालय के मेडिसन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ.रमन शर्मा एवं प्रोफेसर डॉ.अभिषेक अग्रवाल की तीन सदस्यीय समिति का शनिवार को गठन कर दिया गया है.


सुबह 11 बजे तक देनी होगी CMHO को सूचना
जिलाधिकारी अंतर सिंह नेहरा ने बताया की राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम (RMSL) द्वारा उपलब्ध कराई गई रेमडेसिवीर और टोसिलीजुमेब के स्टॉक-निजी चिकित्सालयों द्वारा दी गई मांग के अनुसार कमेटी आपस में चर्चा करेगी. साथ में न्यायोचित आवश्यकता, उपायोगिता और उपलब्धता के आधार पर निर्णय कर निजी चिकित्सालयों को रेमडेसिवीर एवं टोसिलिजुमेब इंजेक्शन उपलब्ध करवाने का कार्य करेगी.


औषधि की मांग करने वाले सभी निजी चिकित्सालयों को सुबह 11 बजे तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम नरोत्तम शर्मा के कार्यालय को उनके यहां उपचाराधीन हर मरीज का HRCT परीक्षण, उपचार का अन्य वांछित रिकॉर्ड प्रस्तुत करना होगा. इसके साथ ही यह सूचना भी देना जरूरी होगा कि इन उपचाराधीन मरीजों में से कितने मरीज वेंटीलेटर  एवं ICU में हैं.


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मरीज का मेडिकल रिकॉर्ड देखकर कमेटी करेगी समीक्षा
कमेटी निजी चिकित्सालयों द्वारा प्रदान किए गए वेंटीलेटर और आईसीयू में उनके यहां भर्ती मरीजों से संबंधित हर प्रकरण का मेडिकल रिकॉर्ड देखकर मरीज की चिकित्सकीय स्थिति की समीक्षा करेगी. उपलब्ध इंजेक्शन को इसी परीक्षण के आधार पर मामले की गंभीरता के अनुसार आनुपातिक रूप से वितरित किया जाएगा. यानि की समिति उसे प्राप्त सभी प्रकरणों की समीक्षा कर गुणावगुण के आधार पर और इन दवाओं के उपयोग के लिए लागू मानक प्रोटोकॉल के हिसाब से ही ‘केस बाई केस’ के आधार पर औषधि वितरण का निर्णय लेगी.


निर्णय के बाद पूरी पारदर्शिता से दोपहर बाद इंजेक्शन का वितरण किया जाएगा. जारी की जाने वाली औषधि समिति की अनुशंसा के बाद ही संबंधित निजी चिकित्सा संस्थान को औषधि भंडार गृह से उपलब्धता के आधार पर जारी की जाएगी.


ADM को बनाया नोडल अधिकारी
जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने बताया कि इन औषधियों के वितरण और पर्यवेक्षण के लिए जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ.अशोक कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. अशोक कुमार प्रतिदिन समिति सदस्यों से संपर्क एवं समन्वय बनाए रखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम के माध्यम से रेमडेसिवीर-टोसिलीजुमेब औषधियों का प्रतिदिन वितरण कराना सुनिश्चित करेंगे.