Jaipur News: जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी का आज पदभार ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक मौजूद रहे. इस दौरान सत्यपाल मलिक ने अपने राज्यपाल के 5 कार्यकाल के दिनों को याद करते हुए अपने राजनीतिक अनुभव जहां विद्यार्थियों के साथ साझा किए तो, वहीं केन्द्र सरकार को भी जमकर कटघरे में खड़ा किया. सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी तक का उदाहरण देते हुए, भाजपा नेताओं को लोगों के बीच जाकर काम करने की सलाह तक दे डाली. इसके साथ ही किसानों के आंदोलन से लेकर ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों पर खुलकर अपनी बात रखी.
 


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प्रधानमंत्री इतने घमंड में थे की किसी की सुनने के लिए तैयार नहीं थे


पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "राजनीति के हर क्षेत्र में रहा, कई राज्यों का राज्यपाल भी रहा, एक बार मैंने प्रधानमंत्री से कहा था की चाहे आप राजनीति में रहे लेकिन जब बात अपने समाज की आए तो आवाज उठानी चाहिए और उनके हक के लिए आगे आना चाहिए. किसान 4 महीनों तक सड़कों पर पड़े रहें लेकिन उनसे बात करने के लिए कोई आगे नहीं आया, 750 किसानों की मौत हो गई. एक कुतिया की मौत पर दिल्ली से शोक संदेश आ जाता है, लेकिन 750 किसानों की मौत पर किसी को कोई चिंता तक नहीं हुई. उस समय मेरे से रहा नहीं गया. मैं इस्तीफा अपनी जेब में रखकर प्रधानमंत्री से पास पहुंचा था और उनसे कहा था की इन लोगों से बात करो लेकिन प्रधानमंत्री इतने घमंड में थे की किसी की सुनने के लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने कहा कि किसान चले जाएंगे लेकिन मैंने कहा कि यह जाएंगे तब जाएंगे लेकिन इससे पहले आप ना चले जाओ या तो अपनी बात मनवा के जाएंगे या फिर आपको हटवा देंगे लेकिन ये बात उनके समझ में नहीं आई"


सत्यपाल मलिक ने कहा कि "किसानों ने कह दिया है कि धरना उठाया है संघर्ष वापस नहीं लिया. वह लड़ाई फिर होगी दिल्ली से चला था, पंजाब भी गया, राजस्थान में भी गया हूं किसानों को कहा था कि जब आप आंदोलन करोगे तो मुझे खुद के बीच में पाओगे. राज्यपाल से रिटायर हो गया हूं अब मैं फ्री हूं कुछ भी बोल सकता हूं. देश का जो हाल है उसे सिर्फ युवा शक्ति बचा सकती है. नेताओं में कुछ नहीं बचा, नेता चुने जीत जाते है,दोनों पार्टियों के पीछे भाग लेते हैं, लेकिन युवाओं में दम है, कुर्बानी का माद्दा, है यह लड़ सकते हैं, यह संगठन या बिना संगठन के लड़ सकते हैं. इसी संघर्ष को बरकरार रखिएगा, आज लड़कियां भी किसी से कम नहीं है, लड़कों से आगे नजर आती है.


आज देश में स्थिति ठीक नहीं है


सत्यपाल मलिक ने कहा कि "आज देश में स्थिति ठीक नहीं है, देश का युवा किस ओर जा रहा है. नशे की लत में आज युवा गिरते हुए नजर आ रहें हैं. इनको बचाना भी पहली प्राथमिकता में बनता जा रहा है. जब कश्मीर का गवर्नर था उस समय जवानों से पूछा, ये आपको लोग पत्थर मारते हैं तो आप जवाब क्यों नहीं देते हो,तो जवानों ने कहा कि जवाब देंगे तो हमें हटा दिया जाएगा. तब मैंने कहा कि जब वो पत्थर मारे तो पलट कर गोली मार देना बाकि सब मैं देख लूंगा. जब 370 हटाई गई तो सब बोले कि खून की नदियां बह जाएंगी. करीब 1 हजार से ज्यादा लोगों की हत्या हो जाएगी, लोग छतों पर चढ़ जाएंगे लेकिन मैंने कहा की ऐसा कुछ नहीं होगा,,और जब धारा 370 हटाई गई तो एक चिड़िया भी नहीं बोली और जिन बडे लोगों की गिरफ्तारी हुई तब लोगों ने कहा की इनको जल्दी मत छोड़ देना. जिससे आप समझ सकते हो की लोगों में 370 हटने की कितनी खुशी थी.


सत्यपाल मलिक ने कहा कि " रावी नदी की समस्या मेरे सामने आई.मुझे कहा कि ये राजनीति वाले लोग काम नहीं होने देंगे.इस समस्या का हल 15 मिनट में कर दिया लेकिन ये मंच यह इन बातों का नहीं है. आज हमारा बस चले तो बेटियों को पैदा तक नहीं होने दे, लिंग परीक्षण करवाने जाते हैं, बेटों की कामना करते हैं, लेकिन एक बात बता दूं कि बेटियां जब शिक्षा के क्षेत्र में पहुंचती है तो 3 परिवार का भविष्य बना देती है. मैं जिस वर्ग से आता हूं वहां घोडी पर भी नहीं चढ़ने दिया जाता है, लेकिन जब आप पद पर पहुंचते हैं तो कोई जात पात नहीं देखते हैं"


सत्यपाल मलिक ने कहा कि "जब राज्यपाल था उस समय दिल्ली में डेढ़ कमरे का घर था और इस ईमानदारी के चलते ही प्रधानमंत्री से लड़ने की हिम्मत आई. बड़ा बंगला होता तो ED की कार्रवाई हो जाती. मुझसे पूछा तो मैंने तो बता दिया था सबके नाम और ये भी बता दिया कि ये सब आदमी प्रधानमंत्री के है. जम्मू कश्मीर में फैला था रसूखदार भू माफिया का राज, बड़े पैमाने पर रसूखदार भू माफियाओं ने हथिया रखी थी जमीनें. राजपाल रहते हुए भू माफियाओं की जमीने दी थी भारतीय सेना को OBC आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए,जो छेड़छाड़ करेगा वो जाएगा,राजनेताओं को भी इसमें साफ समझ लेना चाहिए. इस आंदोलन में मैं हमेशा इनके साथ खड़ा रहूंगा. देश में कई लड़ाई शुरू हो चुकी है तो, वहीं कई शुरू होने की कगार पर है. किसानों की लड़ाई जारी है,युवाओं में बेरोजगाी को लेकर आक्रोश है,अग्निवीर योजना का विरोध किया जा रहा है,किसानों के बच्चों को सेना में जाने से रोकने का काम किया जा रहा है. प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि आप इतना मत बिगाड़ देना की सुधार की गुंजाइश ही ना रहे. भ्रष्टाचार आज बहुत बढ़ रहा है, सरकारी नौकरी में लड़कियों में भ्रष्टाचार बहुत कम देखने को मिलता है,जबकि करीब 90 फीसदी लड़के तो नौकरी लगने के बाद अपना रास्ता ही बदल लेते हैं. इसलिए सब से कहना चाहूंगा की ईमानदारी से काम किया करो.


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