Jaipur News: जिला न्यायालय महानगर प्रथम ने ग्रेटर नगर निगम के वार्ड संख्या 102 के पार्षद महेंद्र शर्मा को राहत देते हुए उनके निर्वाचन के खिलाफ दायर चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने यह आदेश दिनेश व्यास की चुनाव याचिका पर दिया है. याचिकाकर्ता का आरोप था कि कुछ बूथों में निष्पक्ष मतदान नहीं हुआ है, इसलिए चुनाव को रद्द कर फिर से मतदान कराया जाए, लेकिन कोर्ट ने दायर याचिका को रद्द कर दिया है. 


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चुनाव प्रक्रिया या परिणाम नहीं होंगे रद्द 
जिला न्यायाधीश नंदिनी व्यास ने अपने फैसले में कहा कि मतदान केन्द्र या बूथ बनाने में निर्वाचन अधिकारी ने कोई अनियमितता की है, तो इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर शिकायत या परिवाद पेश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए विजयी या पराजित प्रत्याशियों को दंडित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि इस आधार पर पूरी चुनाव प्रक्रिया या उसके परिणाम को रद्द नहीं किया जा सकता. साथ ही विजयी प्रत्याशी को उसके निर्वाचित होने के अधिकार से भी वंचित नहीं रखा जा सकता है. 


जानें क्या था पूरा मामला?
याचिका से जुड़े अधिवक्ता संदीप लुहाडिया ने बताया कि चुनाव याचिका में 1 नवंबर, 2020 को हुए वार्ड संख्या 102 के चुनाव और 3 नवंबर को प्रत्याशी महेंद्र शर्मा को विजेता घोषित करने को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया कि रिटर्निंग अधिकारी ने अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के निजी आवास में स्थित स्कूल को मतदान केन्द्र बनाया था, जबकि नगर पालिका कानून के अनुसार, किसी भी प्रत्याशी के निजी भवन को मतदान केन्द्र नहीं बना सकते. इसके बावजूद भी निजी आवास में संचालित स्कूल में दो बूथ बनाए गए. चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ने अपनी मां और बहन को भी एजेंट नियुक्त किया. हालांकि, चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी पराजित हुए और महेंद्र शर्मा को विजयी घोषित किया गया, लेकिन इन दोनों बूथों पर निष्पक्ष मतदान नहीं हुआ है. इसलिए चुनाव को रद्द कर नए सिरे से चुनाव कराया जाए. 


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