Jaipur: मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना (Mukhya Mantri Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana) के 50 दिन में निजी अस्पतालों के खिलाफ 400 शिकायतें (Complaints) मिली हैं. 


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बीमा योजना में अस्पतालों की लिस्ट में नाम देखकर लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं लेकिन वहां उन्हें मना कर दिया जाता है या फिर पूरे पैसे लिए जाते हैं. 1 मई को योजना शुरू होने से अब तक 2000 शिकायतें कॉल सेंटर 181 पर मिल चुकी हैं. 400 शिकायतों में से जिला प्रशासन ने 130 शिकायतों का निस्तारण किया है और 270 शिकायतों का निस्तारण प्रक्रिया में है. हालांकि सरकार ने शिकायतों का 3 दिन में निस्तारण करने का ऐलान किया है. 


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दूसरी ओर जिला प्रशासन के पास जिन निजी अस्पतालों की शिकायतें मिल रही हैं. उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए आनॅलाइन मेल से नोटिस भेजा जाता है. अस्पताल संचालक जिला प्रशासन के नोटिस को अनदेखा कर रहे हैं. अस्पताल संचालकों के द्वारा प्रशासन के नोटिस की पालना नहीं होने के चलते मामलों के निस्तारण भी नहीं हो पा रहे हैं. 


क्या है पूरा मामला
दरअसल, इस योजना में प्रदेश के 756 सरकारी और 336 निजी अस्पतालों को जोड़ा गया हैं. योजना में सामान्य मरीजों के लिए 50 हजार और गंभीर मरीजों के लिए 4.50 लाख निःशुल्क उपचार देय है. पैकेज में मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से 5 दिन पहले और डिस्चार्ज होने के 15 दिन बाद तक उस बीमारी से संबंधित उस अस्पताल में की गई जांचों, दवाइयों और डाक्टर की फीस का खर्च भी शामिल हैं. 


एडीएम चतुर्थ अशोक कुमार (Ashok Kumar) का कहना है कि शिकायतों का निस्तारण किया गया है. शिकायत मिलने पर अस्पताल संचालक को नोटिस देकर बुलाया जाता है, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो रहे हैं. ऐसे में अब निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पीड़ितों से अपील है कि वे अस्पतालों में उपचार और चिरंजीवी बीमा पॉलिसी के दस्तावेजों सहित लिखित में शिकायत करें.